जमशेदपुर। रविवार को जमशेदपुर के गोपाल मैदान में बाबूलाल मरांडी ने भी परिवर्तन रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि झारखंड में कुछ दिनों के बाद चुनाव है। इस राज्य में पांच वर्षों तक झामुमो के नेतृत्व में, कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार चल रही है। लेकिन पांच वर्षों में हेमंत सोरेन ने क्या किया, ये उनको जवाब देना होगा। आज जब चुनाव नजदीक है, तो हजार रुपया का लॉलीपॉप पकड़ा रहे। हमने कहा कि हेमंत सोरेन जी अगर आपके मन में यहां की मां बहनों के प्रति तकलीफ होती, तो आप उन्हें 72-72 हजार रुपये दे देते एक बार, तब हम भी आपको माला पहनाते। पांच साल पूरा हो गया, लेकिर 72 हजार नहीं मिला। उन्होंने कहा था कि वृद्ध लोगों को, विधवा को 2500 रुपये पेंशन देंगे। लेकिन आज तक किसी को वह पेंशन नहीं मिली। आपने कहा था कि नवविवाहिता महिलाओं को सोने का सिक्का देंगे, लेकिन आपने किसी को सिक्का नहीं दिया। आपने धोखा दिया। आपने कहा था कि मां बहनों को चूल्हा खर्च 2000 रुपये देंगे। मां-बहनें इंतजार कर रही हैं। ये पांच वर्षों का हिसाब करके आपको उन्हें देना चाहिए था। आपने नौजवानों से भी वादा किया था, लेकिन पांच लाख लोगों को नौकरी नहीं दी।
आपने कहा था कि हम शिबू सोरेन के बेटे हैं। अगर पांच लाख लोगों को नौकरी नहीं देंगे, तो हम राजनीति से संन्यास ले लेंगे। आपने तो संन्यास लिया नहीं। लेकिन झारखंड की जनता इस बार आपको जरूर संन्यास दिला देगी। इन्होंने कहा था कि रोजगार नहीं देंगे, तो बेरोजगारी भत्ता देंगे। पांच साल गुजर गया आपने एक को भी भत्ता नहीं दिया। आपने पेट्रोल पर सब्सिडी भी नहीं दी। आपने कहा था कि झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों को 25 करोड़ तक का ठीका हम देंगे, लेकिन वह घोषणा ही रह गयी। इसलिए मैं कह रहा हूं कि हेमंत सोरेन जी आपको पांच साल का जवाब देना होगा। आप मोरहाबादी मैदान में बीच में आकर लोगों से क्षमा मांगिए। अभी भी आप ठग रहे हैं। अगर आपको एक हजार ही बहनों को देना था, तो एक साल पहले से देते, लेकिन आप जब दो महीना बचा है, तब आप एक हजार दे रहे हैं। झारखंड में मां-बहनें सुरक्षित नहीं है। मां बहन यहां की सबसे ज्यादा पीड़ित हंै। विकास का काम रूका हुआ है। ये लोग काम के लिए नहीं, कमाने के लिए सत्ता में बैठे हैं। पूरे पांच वर्षों में इन्होंने झारखंड को दलालों के, बिचौलियों के हवाले कर दिया। भ्रष्ट अफसरों के हवाले कर दिया। बालू, पत्थर, जमीन की लूट हो रही है। 1932 खतियान की बात ये करते हैं, लेकिन 1932 की खतियान के साथ फर्जीवाड़ा करके आदिवासियों की जमीन को बेचा गया है। इसलिए हमने हेमंत सोरेन से बार-बार कहा है कि अगर आप चाहते हैं कि वास्तव में जल, जंगल, जमीन की रक्षा करेंगे तो ये जो फर्जीवाड़ा हुआ है, उसकी सीबीआइ जांच करवायें, ताकि यहां के आदिवासियों की जमीन को बचाया जा सके।
बाबूलाल ने कहा क आज तो चंपाई दादा बता रहे थे कि किस तरह से यहां के आदिवासियों की जनसंख्या में कमी आयी है। संथाल परगना में और हालत खराब है। इसके लिए कौन जिम्मेवार है। झारखंड सरकार कहती है कि कोई घुसपैठ नहीं हुई है। आप सचमुच में झारखंड में आदिवासियों को बचाना चाहते हैं, आदिवासियों की जमीन को बचाना चाहते हैं, आदिवासियों की बेटी को बचाना चाहते हैं, तो आप सर्वे कराइए, एनआरसी लागू कराइए, ताकि इस प्रदेश के आदिवासी को बचाया जा सके। भाजपा इस झारखंड की चिंता करती है। आदिवासियों की चिंता करती है। झारखंड राज्य का आंदोलन कब से चल रहा था, जब देश अलग हुआ तब से ही। इस देश में कांग्रेस पार्टी ने 55-60 वर्षों तक राज किया। लेकिन कभी भी यहां के लोगों की मांग को सम्मान नहीं दिया। भाजपा ने कहा था कि हमारी सरकार केंद्र में बनेगी, तो हम अलग झारखंड बनायेंगे। अब याद करिए 1999 में अटल बिहारी बाजपेयी जी प्रधानमंत्री बने, तो अलग राज्य 15 नवंबर 2000 को बना दिया। अटल बिहार बाजपेयी ने संथाली भाषा को संविधान की आंठवी सूची में शामिल किया। पीएम मोदी ने आदिवासियों को सम्मान दिया है। द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च पद पर बैठाया। विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनाया। मैं कहने आया हूं कि जो पार्टी ने इस देश को लूटा है, वो है कांग्रेस पार्टी। अटल जी ने गांव-गांव तक सड़क पहुंचा दिया। पहले अटल जी ने और आज पीएम मोदी झारखंड को संवार रहे हैं।