रांची। टेंडर घोटाला मामले में आरोपी हृदयानंद तिवारी को हाइकोर्ट से राहत मिली है। हाइ कोर्ट की एकल पीठ ने हृदयानंद तिवारी के खिलाफ कुर्की जब्ती पर अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी। 29 जुलाई 2024 को ईडी की टीम ने गढ़वा में फरार आरोपी हृदयानंद तिवारी के घर में इश्तेहार चिपकाया। ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में जेल में बंद ग्रामीण विकास विभाग के निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम से संबंधित मामलों में यह इश्तेहार चिपकाया है।

आरोपी हृदयानंद तिवारी के खिलाफ 25 जुलाई को पीएमएलए कोर्ट ने इश्तेहार जारी किया गया था और अगले 30 दिनों के अंदर हाजिर होने के लिए कहा गया था। इसके खिलाफ उन्होंने हाइ कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन दाखिल की है। हृदयानंद तिवारी की ओर से हाइ कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका भी दाखिल की गई है। इन दोनों मामलों की सुनवाई अब दो सप्ताह बाद होगी। गढ़वा निवासी हृदयानंद तिवारी दिल्ली में चार्टर्ड एकाउंटेंट हैं। हृदयानंद तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने एक अन्य चार्टर्ड एकाउंटेंट मुकेश मित्तल से वीरेंद्र राम को मिलवाया था। मित्तल के कार्यालय में हृदयानंद तिवारी सहयोगी के रूप में कार्य करते थे।

दो लाख रुपए कमीशन लेने का आरोप
हृदयानंद तिवारी ने मुकेश मित्तल के माध्यम से वर्ष 2014 से लेकर 2019 के दौरान निलंबित मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम का 9।41 करोड़ रुपए मनी लॉड्रिंग कराया था। यह भी आरोप है कि उन्होंने इस मामले में दो लाख रुपए कमीशन लिए थे।

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