ये लोग इतना जादूगर है कि नोट छापनेवाली मशीन घर पर रख लिया है, विधायकों को खरीदने के लिए, पार्टी को तोड़ने के लिए
कोरोना में गलत सूई लगा दिया, हमको भी लगा दिया, पता नहीं कब मर जायेंगे
चील-कौवों की तरह इनके नेता मंडरा रहे हैं, इनके गुरु भी आनेवाले हैं
आजाद सिपाही संवाददाता
जमशेदपुर। मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत जमशेदपुर में थे। इन दौरान उन्होंने 555 करोड़ 83 लाख 80 हजार की योजनाओं का शिलान्यास और उद्धाटन किया। इसमें पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर 303 करोड़ 54 लाख 84 हजार की योजनाएं और पश्चिमी सिंहभूम चाइबासा से 252 28 लाख 96 हजार की योजनाएं शामिल हंै। इस दौरान उनहोंने कहा कि हम सिर्फ इसलिए पूरे राज्य का भ्रमण कर रहे हैं, क्योंकि जो काम हम आपके लिए कर रहे हैं, वो जमीन पर उतर रहा है या नहीं, वो देखना चाहते हैं। आपके लिए पंचायतों में, टोला में शिविर लग रह है। जहां सड़क है, जहां नहीं है, वहां भी बैलगाड़ी से साइकिल से जाकर आपकी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। एक समय था बूढ़ा-बुजुर्ग लोग पेंशन के लिए कितना चक्कर लगाते थे। साथ-साथ दलाल लोगों के भी चक्कर लगाते थे। दलाल लोग पैसा मार लेता था। लेकिन आज इस राज्य में दीया लेकर भी ढूंढ़ने जायेंगे, तो बिना पेंशन का कोई नहीं मिलेगा।
कोरोना काल में दीदियों ने खाना बनाकर खिलाया था
कोरोना काल का भयावह दिन आपको याद होगा। भाजपा की सरकार ने पूरे देश मे लॉकडाउन लगा दिया था। हमारे दो-दो मंत्री मर गये। हम लोग जब से सरकार बनाये उसके दूसरे दिन से विपक्षी हमारी सरकार गिराने में लग गये। उन लोगों को नहीं अच्छा लगता है कि हम बूढ़ा लोग को बुढ़ापे का सहारा दें। उनको नहीं अच्छा लगता है कि हमारी बेटियां अच्छे से पढ़ाई करें। यही वजह है कि सालों से दिल्ली में देश का किसान भारतीया जनता पार्टी को घेर कर रखा। अनेक किसान शहीद हो गये, लेकिन किसानों का आंसू पोंछने के लिए नहीं गये। लोकसभा चुनाव में उनका घमंड चूर-चूर किया गया। और सरकार बनाने के लिए इनको बैसाखी का सहारा लेना पड़ा। हमारा राज्य सबसे पिछड़ा राज्य है। सबसे गरीब गुरबा लोग यहीं रहता है। दूसरा राज्य का लोग इसको सोना का चिड़िया बोलता है। क्यों बोलता है। यहां तो खाने के लिए अनाज नहीं मिलता है। गरीबों को तन ढकने के लिए कपड़ा भी नहीं मिलता है। ये सोना का चिड़िया अमीर और व्यापारी लोगों के लिए है। उनकी गिद्ध वाली नजर हमेशा से इस पर है। 2019 के पहले लोग यहां हाथ में राशन कार्ड लेकर भात भात करते हुए मर गया। लेकिन कोरोना जैसे महामारी में भी हम लोगों ने एक भी मजदूर को भूख से नहीं मरने दिया। उस समय हमारी राज्य की महिला दीदियों ने इस राज्य के गरीब गुरबा को खाना बना कर खिलाया था।
विपक्ष पर साधा निशाना
उन्होंने आगे कहा कि जब हम यहां के लोगों के लिए कुछ काम करते हैं, मेरे ऊपर दुनिया भर का झूठा आरोप लगाया जाता है। कभी इडी तो कभी सीबीआइ। दो साल तक हमको परेशान किया। अभी कल-परसो केंद्रीय मंत्री आपके कोल्हान क्षेत्र में घूम रहे थे। जो ग्रामीण विकास मंत्री हैं, उनसे पूछिए कि आप मनरेगा में सबसे कम मजदूरी झारखंड को क्यों देते हैं। और वो भी समय पर पैसा नहीं देते हैं। अभी भी पैसा अटका हुआ है और यहां घूम रहा है विधायकों को खरीदने के लिए। पार्टी को तोड़ने के लिए। कभी बोलता है इतना विधायक हमारे साथ हैं। इतना सांसद हमारे साथ हैं। जनता इनको नहीं चुनती है। ये पैसा से सरकार बनाते हैं। पैसा से सरकार बनाने वाले लोगों को हमें सबक सिखाने की जरूरत है। इतना आरोप लगाया। इतना परेशान किया। नहीं सका तो जेल में डाल दिया। इनको पता नहीं है कि झारखंड वीर भूमि है। गोली बंदूक से हम डरे नहीं तो जेल में भेज कर क्या हमें डराना चाहते हो। हमने जितनी योजना बनायी है ये लोग गिनने लगेंगे तो पांच साल और लग जायेगा। आपका बिजली का बिल भी माफ हो गया। आपका इस भाई ने बेटे ने संकल्प लिया है कि जब तक हम गांव को मजबूत नहीं करेंगे तब तक चैन नहीं लेंगे।
कोरोना काल में लगा दिया फर्जी सूई: हेमंत सोरेन
सीएम ने कहा, कोरोना में क्या उल्टा सीधा दवा लगवा दिया। पूरा देश दुनिया में उस पर रोक लगा दिया गया था। लेकिन चंदा लेने के लिए पूरा देश में फर्जी दवा सप्लाई किया गया। हम लोगों को भी लगा दिया, पता नहीं कब मर जायेंगे। लोग चलते फिरते मर जा रहा है। पता चलता है कि टीका का असर पड़ता है। ये लोग सत्ता में आने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। आने वाला पांच साल के अंदर हम आपको इतना मजबूत करेंगे कि आपको किसी से उधार नहीं लेना पड़ेगा।
चील-कौवों की तरह मंडरा रहे नेता: हेमंत सोरेन
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनावी माहौल आनेवाला है। चील कौवा की तरह नेता लोग मंडराने लगा है। अभी इनका गुरु आनेवाला है। उनके स्वागत की तैयारी हो रही है। कहां से भीड़ जुटायें, कहां से स्वागत करें। ये लोग इतना बड़ा जादूगर है कि नोट छापने वाला मशीन घर पर रख लिया है। नोट की बदौलत सोचता है कि पूरा देश में कब्जा कर लेंगे। हम लोग हक अधिकार मांगते हैं तो जेल में डाल दिया जाता है। एक लाख छत्तीस हजार करोड़ रुपये का बकाया है। मांगने पर नहीं दे रहा है। दूसरे राज्य के लोगों को यही पैसा मिलता है।