नारायणपुर (छत्तीसगढ़)। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में नक्सल उन्मूलन अभियान का बड़ा असर देखने को मिला है। गुरुवार को 16 सक्रिय नक्सलियों ने नारायणपुर के पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। आत्मसमर्पित नक्सलियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई और सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सभी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि वर्ष 2025 में सुरक्षा बलों की कार्रवाई से नक्सली संगठनों को भारी नुकसान हुआ है। अब इन संगठनों के पास आत्मसमर्पण के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। उन्होंने अन्य नक्सलियों से भी हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने की अपील की।

एसपी रोबिनसन गुड़िया ने जानकारी दी कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में जनताना सरकार के सदस्य, मिलिशिया कमांडर, डिप्टी कमांडर, और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं। ये सभी नक्सली लंबे समय से संगठन के लिए काम कर रहे थे, जिनमें राशन, दवाइयों की आपूर्ति, हथियारों की ढुलाई, IED लगाना और सुरक्षा बलों की रेकी जैसे कार्य करते थे।

आत्मसमर्पण करने वालों में प्रमुख नाम लच्छू पोड़ियाम, मुन्ना हेमला, लालू पोयाम, जुरूराम मोहंदा, बुधराम मोहंदा सहित अन्य हैं। इन सभी की उम्र 29 से 44 वर्ष के बीच है और ये नारायणपुर जिले के ओरछा थाना क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों से संबंधित हैं।

पार्टी के विभिन्न अंगों जैसे न्याय, आर्थिक और सैन्य शाखा में शामिल ये नक्सली अब समाज की मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार हैं। पुलिस और प्रशासन की पहल से लगातार नक्सली इलाकों में कैम्प की स्थापना की जा रही है, जिससे नक्सली संगठन पर दबाव बढ़ रहा है।

एसपी गुड़िया ने कहा कि यह आत्मसमर्पण न सिर्फ सुरक्षा बलों की सफलता है बल्कि स्थानीय लोगों में विश्वास और बदलाव की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम भी है।

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