बरवाडीह। पलामू व्याघ्र क्षेत्र के बेतला नेशनल पार्क में गुरुवार को वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले बलिदानियों को याद किया गया।जंहा शहीद दिवस के रूप मनाते हुए उन्हें पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।जंहा इस दौरान वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ़ पारितोष उपाध्याय फील्ड डायरेक्टर एस नटेश,सीएफ पी अग्रवाल,डीएफओ प्रजेशकान्त जैना, आशीष कुमार,गढ़वा डीएफओ बेतला रेंजर उमेश दुबे,छिपादोहर पश्चिमी रेंजर अजय टोप्पो,बारेसाड़ रेंजर नन्द कुमार मेहता ,फोरेस्टर संतोष कुमार,अखिलेश कुमार,मुकेश मिंज,शशांक शेखर,श्रवण प्रसाद,रजनीश सिंह,समेत काफी संख्या में वनकर्मी व अन्य अधिकारी शामिल हुए।इस दौरान
वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ़ पारितोष उपाध्याय ने बताया कि भारत एक ऐसा देश है जहाँ प्राचीन काल से ही प्रकृति, जंगल और वन्यजीवों को जीवन का अभिन्न अंग माना गया है। वृक्षों और वनों को हमारे शास्त्रों में “धरती की जीवनरेखा” कहा गया है। लेकिन दुर्भाग्यवश, समय-समय पर जंगलों पर अवैध कटान, शिकार और अन्य प्राकृतिक संसाधनों के दोहन ने संकट खड़ा किया। इन संसाधनों की रक्षा के लिए हमारे वनकर्मी और अधिकारी हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े रहते हैं। इन्हीं साहसी वनरक्षकों की शहादत को याद करने और उनके प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए हर साल 11 सितम्बर को ‘राष्ट्रीय वन शहीद दिवस’ मनाया जाता है।

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