युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी हेमंत सरकार
रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर लगाये गये आरोपों को सस्ता राजनीतिक हथकंडा बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को हर मुद्दे में साजिश दिखती है, क्योंकि जनता ने उन्हें नकार दिया है। बाबूलाल मरांडी बार-बार झूठ बोलकर युवाओं की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। सरकार ने इस प्रकरण की पारदर्शी जांच के लिए पहले दिन से सख्त कदम उठाये हैं। जिम्मेदार पाये जाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। सीजीएल परीक्षा का मामला कोर्ट में है और हेमंत सरकार न्यायालय के आदेशानुसार आगे बढ़ रही है। विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के नेता यह भूल जाते हैं कि उनकी ही सरकारों में प्रतियोगी परीक्षाओं में घोटाले हुए, तब वे चुप्पी साधे बैठे रहे। हेमंत सोरेन सरकार ने देश के भविष्य नौजवानों के उज्जवल भविष्य के लिए परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए सख्त से सख्त कानून बनाया है। भाजपा नेताओं ने इस बिल का सदन में विरोध किया था। यह भी जगजाहिर है कि परीक्षाओं को डिस्टर्ब करने में एक खास राजनीतिक दल के लोगों का नाम आता है। यही लोग अपने राजनीतिक लाभ के लिए परीक्षा प्रक्रिया को प्रभावित करने के उद्देश्य से कोर्ट जाते हैं। हेमंत सरकार की नीयत की हकीकत को समझने के लिए पिछले दिनों जारी हुए जेपीएससी के अंतिम परीक्षा परिणाम पर गौर किया जा सकता है। उसमें गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले कई परिवारों के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इसकी सराहना हर तरफ की जा रही है।

उन्होंने सवाल उठाया कि अगर बाबूलाल मरांडी को युवाओं की इतनी चिंता है तो वे बतायें कि जब उनकी सरकारों में नियुक्ति परीक्षाओं में धांधली हुई थी, तब वे कहां थे? विनोद ने कहा सच्चाई यह है कि भाजपा के पास न नीति है, न नीयत। केवल झूठ बोलकर राजनीतिक रोटियां सेंकना उनका काम है।

विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार बेरोजगार युवाओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। उन्होंने भाजपा नेताओं से अपील की कि वे अदालत और जांच एजेंसियों को काम करने दें, न कि लगातार गुमराह करने की कोशिश करें। भाजपा के नेता जान लें — युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। लेकिन झूठे आरोप लगाकर सरकार को बदनाम करने की साजिÞश भी कामयाब नहीं होगी।

 

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