रांची। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध कोयला कारोबार पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसके लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। मरांडी ने सोशल मीडिया एक्स पर मंगलवार को लिखा है कि मुंशी प्रेमचंद्र की “दो बैलों की कथा” की तरह रांची में अवैध कोयला व्यापारियों की कथा भी चर्चित हो रही है। राजधानी रांची के मोरहाबादी इलाके में होटल के बाहर सड़कों पर अक्सर खड़ी रहने वाली मनोज बाबू की बीएमडब्ल्यू कार की लोगों के बीच खूब चर्चा है। चर्चा भी क्यों न हो, काली कमाई से काले रंग की कार, काली आंखों को खूब भाती है।

उन्होंने कहा कि होटल के भीतर करोड़ों के टर्नओवर वाले कारोबारी कतार में बैठकर चाय-कॉफी पीते रहते हैं। बाहर से देखने पर यह सब किसी कार्पोरेट मीटिंग जैसा लगता है, लेकिन हकीकत को जानने वाले कहते हैं कि यह कोयला कारोबार, रैक लोडिंग और रेट फिक्सिंग का असली ‘काला खेल’ है।

मरांडी ने कहा कि खेल में खिलाड़ी तो होते ही हैं, लेकिन इस खेल के “खिलाड़ियों के खिलाड़ी” हैं किशन जी और मनोज साहब। उन्होंने कहा कि “एक से भले दो” का जीता जागता उदाहरण अब देखने को मिल रहा है। मनोज और किशन की जोड़ी कोयला खदानों से लेकर कांके रोड तक धूम मचाई हुई है। एक तरफ मनोज जिले-जिले में एजेंट तैनात करके करोड़ों की वसूली करा रहे हैं, तो दूसरी ओर किशन साहेब के लिए दिल्ली से लेकर झारखंड तक हर तरह के इंतजाम करने का जिम्मा संभाले हुए हैं।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब इतना बड़ा जिम्मा किशन जी स्वयं अपने कंधे पर उठाए हैं, तो उनके भी आवागमन का जिम्मा किसी को तो उठाना ही होगा, इसलिए फॉर्चूनर से चलने वाले किशन के सर्विसिंग बिल का इंतजाम भी ‘किसी जी’ ने अपने कंधे पर उठाया हुआ है। इसलिए यह निश्चित है कि दोनों में सहयोग और सहमति किसी बड़े राज्य के सत्ताधारी नेता की होगी ही।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समाचार माध्यमों एवं अन्य सूत्रों से “गैंग्स ऑफ कोयला चोरों एवं इनके हिस्सेदार आकाओं” के काले कारनामों की जो जानकारी हम तक पहुंच रही है, वैसे ही आप तक भी इनके कारनामों की जानकारी पहुंच ही रही होगी । इस गोरखधंधे में अगर आपकी हिस्सेदारी है, तो फिर आपके लिये चुप्पी साधे रहने में ही भलाई है, लेकिन इतना ख्याल रखिये, समय भले लगे. लेकिन देर सबेर इस महाघोटाले और झारखंड की खनिज सम्पदा को लुटवाकर अपनी तिजोरी भरने वालों को उसके किये की सजा जरूर मिलेगी। मरांडी ने कहा कि अभी कोयला चोरों और उनके सरगनाओं की फिल्मी टाइप कहानी का स्क्रिप्ट देखते रहिये और थोड़ा इंतज़ार कीजिये।

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