सारंडा संरक्षण के लिए हेमंत सरकार प्रतिबद्ध
रांची। झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को नकारते हुए कहा कि भाजपा झूठ फैलाकर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। सारंडा जंगल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए हेमंत सरकार ने मंत्री समूह का गठन कर दिया है। आज से ही मंत्री समूह ने सारंडा में सामाजिक-आर्थिक अध्ययन कार्य शुरू कर दिया है, ताकि इस जंगल को जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की दृष्टि से सुरक्षित और संरक्षित किया जा सके।

विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि झारखंड में अवैध खनन की जड़ें उन्हीं की सरकार के कार्यकाल में पड़ी थीं। पूरे देश को मालूम है कि किस तरह केंद्र में भाजपा की सरकार और राज्य में उनकी पिछली सरकारों ने कॉरपोरेट घरानों और खनन कंपनियों को संरक्षण देकर जंगल-जमीन को लूटा। हकीकत यह है कि भाजपा के संरक्षण में खनन माफिया सबसे अधिक फले-फूले और पर्यावरण की सबसे ज्यादा क्षति उसी दौरान हुई। भाजपा की ऐसी सरकार से परेशान होकर जानता ने हेमंत सोरेन को लगातार दूसरी बार बहुमत दिया है। हेमंत सरकार की नीति और नियत के कारण दूसरी बार दो तिहाई बहुमत का आशीर्वाद जानता ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व को दिया। इससे साबित हो गया कि हर वर्ग की जनता का भरोसा, उम्मीद हेमंत सोरेन से जुड़ा है।

प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ खनन गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण किया है बल्कि पर्यावरणीय मानकों को सख्ती से लागू करने के लिए नियम बनाये हैं। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए झारखंड सरकार ने सारंडा को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की है और अब कोई भी कंपनी बिना सभी मानकों को पूरा किये यहां खनन नहीं कर सकेगी। दूसरी तरफ वन राज्य का वन आवरण राष्ट्रीय औसत 33 फीसदी से ज्यादा हो गया है। झमुमो की लड़ाई ही जल, जंगल और जमीन से जुड़ी है। झमुमो की इस ताकत के आगे भाजपा का झूठा दाव कभी टिक ही नहीं सकता। यही चिंता भाजपा को परेशान कर रही है और तेजी से अपनी खोती जा रही राजनीतिक जमीन को बचाने के लिए भाजपा झूठे आरोप मढ़ रही है।

विनोद पांडेय ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने दशकों तक जंगल, जल और जमीन को कॉरपोरेट के हवाले कर दिया, आज वे ही मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। सच यह है कि भाजपा को न आदिवासियों से मतलब है और न ही पर्यावरण से। उनका एकमात्र एजेंडा है—भ्रम फैलाकर सत्ता हथियाना।

झामुमो महासचिव ने कहा कि हेमंत सरकार की प्राथमिकता आदिवासियों और मूलवासियों के हितों की रक्षा करनी है। सारंडा के जंगल को बचाने के लिए सरकार नीतिगत रूप से प्रतिबद्ध है। मंत्री समूह की टीम स्थानीय समुदायों से भी संवाद करेगी और एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर सारंडा को अभूतपूर्व रूप में सुरक्षित, संरक्षित, संवर्धित करेगी।

विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को सलाह है कि वे अपने गिरेबान में झांके और जनता को गुमराह करने के बजाय पर्यावरण और समाज की भलाई के लिए सरकार का सकारात्मक सहयोग करें। हेमंत सरकार हर हाल में सारंडा की हरियाली को इस प्रकार सुनिश्चित करेगी कि आने वाली पीढ़ियां भी इसकी प्राकृतिक संपदा से लाभान्वित हों।

झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने भाजपा के आरोपों को नकारते हुए कहा कि भाजपा झूठ फैलाकर जनता को गुमराह करने का काम कर रही है। सारंडा जंगल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन करते हुए हेमंत सरकार ने मंत्री समूह का गठन कर दिया है। आज से ही मंत्री समूह ने सारंडा में सामाजिक-आर्थिक अध्ययन कार्य शुरू कर दिया है, ताकि इस जंगल को जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की दृष्टि से सुरक्षित और संरक्षित किया जा सके।

विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को यह नहीं भूलना चाहिए कि झारखंड में अवैध खनन की जड़ें उन्हीं की सरकार के कार्यकाल में पड़ी थीं। पूरे देश को मालूम है कि किस तरह केंद्र में भाजपा की सरकार और राज्य में उनकी पिछली सरकारों ने कॉरपोरेट घरानों और खनन कंपनियों को संरक्षण देकर जंगल-जमीन को लूटा। हकीकत यह है कि भाजपा के संरक्षण में खनन माफिया सबसे अधिक फले-फूले और पर्यावरण की सबसे ज्यादा क्षति उसी दौरान हुई। भाजपा की ऐसी सरकार से परेशान होकर जानता ने हेमंत सोरेन को लगातार दूसरी बार बहुमत दिया है। हेमंत सरकार की नीति और नियत के कारण दूसरी बार दो तिहाई बहुमत का आशीर्वाद जानता ने हेमंत सोरेन के नेतृत्व को दिया। इससे साबित हो गया कि हर वर्ग की जनता का भरोसा, उम्मीद हेमंत सोरेन से जुड़ा है।

प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि हेमंत सरकार ने अपने कार्यकाल में न सिर्फ खनन गतिविधियों पर कड़ा नियंत्रण किया है बल्कि पर्यावरणीय मानकों को सख्ती से लागू करने के लिए नियम बनाये हैं। यही कारण है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए झारखंड सरकार ने सारंडा को वन्यजीव अभयारण्य घोषित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की है और अब कोई भी कंपनी बिना सभी मानकों को पूरा किये यहां खनन नहीं कर सकेगी। दूसरी तरफ वन राज्य का वन आवरण राष्ट्रीय औसत 33 फीसदी से ज्यादा हो गया है। झमुमो की लड़ाई ही जल, जंगल और जमीन से जुड़ी है। झमुमो की इस ताकत के आगे भाजपा का झूठा दाव कभी टिक ही नहीं सकता। यही चिंता भाजपा को परेशान कर रही है और तेजी से अपनी खोती जा रही राजनीतिक जमीन को बचाने के लिए भाजपा झूठे आरोप मढ़ रही है।

विनोद पांडेय ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने दशकों तक जंगल, जल और जमीन को कॉरपोरेट के हवाले कर दिया, आज वे ही मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। सच यह है कि भाजपा को न आदिवासियों से मतलब है और न ही पर्यावरण से। उनका एकमात्र एजेंडा है—भ्रम फैलाकर सत्ता हथियाना।

झामुमो महासचिव ने कहा कि हेमंत सरकार की प्राथमिकता आदिवासियों और मूलवासियों के हितों की रक्षा करनी है। सारंडा के जंगल को बचाने के लिए सरकार नीतिगत रूप से प्रतिबद्ध है। मंत्री समूह की टीम स्थानीय समुदायों से भी संवाद करेगी और एक व्यापक कार्ययोजना बनाकर सारंडा को अभूतपूर्व रूप में सुरक्षित, संरक्षित, संवर्धित करेगी।

विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा को सलाह है कि वे अपने गिरेबान में झांके और जनता को गुमराह करने के बजाय पर्यावरण और समाज की भलाई के लिए सरकार का सकारात्मक सहयोग करें। हेमंत सरकार हर हाल में सारंडा की हरियाली को इस प्रकार सुनिश्चित करेगी कि आने वाली पीढ़ियां भी इसकी प्राकृतिक संपदा से लाभान्वित हों।

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