अररिया। नेपाल में जेन जेड आंदोलन और संभावित तख्तापलट के बाद भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर दिया गया है। बिहार के अररिया जिले की सीमा नेपाल से करीब 110 किलोमीटर तक जुड़ी हुई है, जो संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है।

अब तक सीमा पर एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) और सीमावर्ती थानों की पुलिस तैनात थी, लेकिन हालात को देखते हुए अब बिहार पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को भी सीमा सुरक्षा में लगाया गया है। STF की टीम, एसएसबी और लोकल थाना पुलिस के साथ मिलकर नियमित पेट्रोलिंग कर रही है और हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

सीमा पर पहचान पत्र अनिवार्य: नेपाल से भारत में प्रवेश करने वालों की कड़ी जांच की जा रही है। पहचान पत्र देखकर उनका नाम, पता और संपर्क नंबर दर्ज किया जा रहा है, तभी उन्हें भारत में प्रवेश की अनुमति दी जा रही है।

एसपी अंजनी कुमार सिंह ने बताया कि नेपाल की मौजूदा स्थिति को देखते हुए बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी है। सीमावर्ती आठ थानों की पुलिस, एसएसबी और STF की टीमें संयुक्त रूप से निगरानी कर रही हैं।

नेपाल से फरार कैदियों की तलाश: नेपाल के जेल से फरार कैदियों को लेकर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। भारत-नेपाल प्रशासन के बीच समन्वय स्थापित किया गया है। नेपाल प्रशासन से फरार अपराधियों के विवरण और फोटो की मांग की गई है ताकि पहचान कर गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके।

सूत्रों के अनुसार, कुछ भारतीय नागरिक जो नेपाल में आपराधिक मामलों में कैद थे, उनके भी सीमा क्षेत्र में छिपे होने की आशंका है। इसको लेकर थाना पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है और विशेष निगरानी के आदेश दिए गए हैं।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version