बारियातू। प्रखंड मुख्यालय सहित नौ पंचायतों के गांवों और टोला में बुधवार को प्रकृति पर्व करमा हर्षोल्लास और परंपरागत धूमधाम के साथ मनाया गया। शाम होते ही पार्वतीनें और युवक-युवतियां पाहन-पुजारी की अगुवाई में करमा जवा रख पूजा-अर्चना में जुटीं। जंगलों से लायी गयी करम डाली को अखरा में स्थापित कर प्रकृति संरक्षण का संकल्प लिया गया।  पूरे दिनभर करमा गीतों की गूंज से गांवों का माहौल उत्साह और उमंग से सराबोर रहा। शाम ढलते ही अखरा में युवाओं का उत्साह चरम पर पहुंचा। करम मंडपों को फूल-पत्तों और रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया था। आठवें दिन जावा जगाने के साथ करम डाली गाड़ी गयी। पाहन की देखरेख में तीन डालियों की पूजा-अर्चना की गयी। इस दौरान करमा कथा सुनाई गई और करमा गोसाई की परिक्रमा कर जल अर्पित की गयी। इसके बाद युवाओं ने टोली बनाकर पूरी रात नाच-गान किया। गांव की पार्वतीनों ने घर-घर पुआ-पकवान बना कर अर्पित किया। गुरुवार को पूजा-अर्चना के बाद गाजे-बाजे और पारंपरिक गीतों के बीच करम डाली का विसर्जन किया गया। महिलाएं और युवतियां समूह बनाकर नृत्य-गीत करती हुई विभिन्न जलाशयों तक पहुंचीं। जहां जावा फूलों का आदान-प्रदान कर एक-दूसरे को शुभकामनाएं दी गईं। मांदर, ढोल और नगाड़े की थाप पर सामूहिक नृत्य ने पर्व की रौनक और बढ़ा दी। विसर्जन के दौरान सभी प्रमुख जलाशयों पर प्रखंड, अंचल और पुलिस प्रशासन की चौक-चौबंध व्यवस्था रही। अधिकारी व पुलिस बल लगातार सक्रिय रहे, जिससे पर्व शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण माहौल में संपन्न हुआ।

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