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    Home»Jharkhand Top News»धनबाद के कतरास में भू-धंसान पर बेघर हुए पीड़ितों का छलका दर्द
    Jharkhand Top News

    धनबाद के कतरास में भू-धंसान पर बेघर हुए पीड़ितों का छलका दर्द

    shivam kumarBy shivam kumarSeptember 7, 20251 Comment5 Mins Read
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    ‘छिन गया आशियाना, अब कहां सिर छिपायें’
    धनबाद के कतरास में भू-धंसान के बाद बेघर हुए पीड़ितों का छलका दर्द
    सुनील भंडारी/जितेंद्र पांडेय
    कतरास/धनबाद। बीसीसीएल कतरास क्षेत्र के केशलपुर मुंडा पट्टी में हुए भू-धंसान ने स्थानीय लोगों की जिंदगी तबाह कर दी है। जिन लोगों ने अपने घरों को मेहनत से बनाया था, आज वे बेघर हो गये हैं। अपनी आंखों के सामने सबकुछ खत्म होते देखने के बाद उनकी जुबान से निकले शब्द सिर्फ दर्द ही बयां करते हैं। ग्रामीण सुनील यादव ने बताया कि मेरा सब कुछ खत्म हो गया। जमीन धंसने से मेरे दो मवेशी, जेवर और घर का सारा सामान अंदर चला गया है। बड़ी मुश्किल से पैसे जमा करके जेवर खरीदे थे, आज सब बर्बाद हो गया। अब कैसे गुजारा करेंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा। अब हम अपने बच्चों का पालन-पोषण कैसे करेंगे? जिस घर से हमारा गुजारा चल रहा था, वह अब नहीं रहा। दुर्गा पूजा नजदीक है और हमारी छत ही छिन गयी। पूरा परिवार आज दूसरे के घर में शरण लिए हुए है। कहां सिर छिपाएं, यह समझ नहीं आ रहा।

    ग्रामीण नागेश्वर यादव ने बताया कि मेरी दो गाय और उनके बच्चे के साथ-साथ कई जरूरी सामान भी गोफ में समा गये हैं। यह हादसा लगातार हो रहे अवैध उत्खनन की वजह से हुआ है। हम प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। सुबह लगभग 11 बजे जोर से ब्लास्टिंग हुई थी, जिसके बाद यह हादसा हुआ। मेरे घर का सारा सामान, बर्तन और अन्य जरूरी चीजें भी उस गोफ में चली गयी हैं। हमने सब कुछ खो दिया है।

    ——————————–
    खदान हादसा में एनडीआरएफ ने तेज किया रेस्क्यू ऑपरेशन
    एक ड्राइवर का शव बरामद
    कतरास/धनबाद। बीसीसीएल के कतरास क्षेत्र अंतर्गत एकेडब्ल्यसूएमसी यानी अंगारपथरा केशलपुर वेसट मोदीडीह कोलियारी में शुक्रवार को हुए हादसे के बाद एनडीआरएफ ने शनिवार सुबह बड़े पैमाने पर रेस्क्यू आपरेशन शुरू किया। इसी आपरेशन के दौरान शनिवार सुबह 11:50 बजे एनडीआरएफ की टीम को बड़ी सफलता मिली, जब उन्होंने गहरे पानी से वैन के ड्राइवर ग्यासुद्दीन का शव बरामद कर लिया। परियोजना में आउटसोर्सिंग पैच पर कार्यरत अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड की एक गाड़ी खदान के गहरे पानी में जा गिरी। इसके बाद से इलाके में अफरा-तफरी मच गयी। हादसे में अब तक पांच मजदूरों के मारे जाने की खबर है। उधर, हादसे के बाद शनिवार सुबह करीब 9 बजे रांची से पहुंची एनडीआरएफ की बटालियन ने रेस्क्यू अभियान की कमान संभाली। टीम का नेतृत्व कौशल कुमार कर रहे हैं, जबकि एनडीआरएफ कमांडेंट सुनील कुमार सिंह खुद ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। एनडीआरएफ कमांडेंट सुनील कुमार सिंह ने आजाद सिपाही को बताया कि पानी में गाड़ी का एक हिस्सा स्पष्ट दिखायी दे रहा है। साथ ही कुछ आॅब्जेक्ट भी नजर आये हैं, जिन्हें टीम संभावित शव मानकर रेस्क्यू कर रही है।

    एनडीआरएफ की टीम में शामिल हैं 30 लोग
    एनडीआरएफ की लगभग 30 सदस्यीय टीम अभियान में जुटी है। टीम के प्रशिक्षित डीप ड्राइवर खदान के गहरे पानी में उतरकर तलाशी अभियान चला रहे हैं। इधर, बीसीसीएल की धनसार माइंस रेस्क्यू टीम भी मौके पर पहुंची, लेकिन पानी में उतरने की तकनीकी क्षमता नहीं होने के कारण वे आपरेशन में सहयोगी भूमिका निभा रहे हैं।
    कमांडेंट सुनील कु़मार सिंह ने बताया कि खदान करीब 300 फीट गहरी है जिसमें उतरकर बेहतर ढंग से रेस्क्यू को अंजाम देने के लिए एनडीआरएफ की टीम पारंगत है। टीम लगातार तलाशी में जुटी हुई है और स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। हादसे के बाद स्थानीय स्तर पर भी खलबली मची है और परियोजना क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोग घटनाक्रम पर नजर बनाये हुए हैं। हादसे को लेकर धनबाद के उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा है कि मामले पर पूरी नजर बनाये हुए हैं।

    तीन शवों की पहले ही हो चुकी है पहचान
    इस हादसे के बाद पुलिस ने पहले ही तीन शवों को बरामद करने का दावा किया था। अंगारपथरा ओपी प्रभारी के अनुसार, जिन शवों की पहचान हुई थी, उनमें अमन कुमार, स्वरूप गोप और अमित भगत शामिल थे। इन सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा चुका है। हादसे वाली सर्विस वैन को पहले ही पेलोडर मशीन और मुनीडीह से आये गोताखोरों की मदद से बाहर निकाल लिया गया था। हालांकि, उस समय ड्राइवर का शव नहीं मिल पाया था।
    इधर, घटना को लेकर बीसीसीएल के अधिकारी कुछ भी बोलने से इनकार कर रहें हैं। हालांकि रेस्क्यू खत्म होने के बाद बीसीसीएल के द्वारा एक टीम गठित करने की बात कही जा रही है। गठित टीम घटना की जांच करेगी। घटना के बाद भी इस जगह पर लगातार लैंड स्लाइडिंग हो रही है। जिसके चलते लोगों को वहां जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। मौके पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) की टीम तैनात है।

    बाघमारा सीओ और कतरास थाना प्रभारी कर रहे कैंप
    घटना के बाद सांसद ढुल्लू महतो मौके पर पहुंचे थे, बीजेपी सांसद ने 6 लोगों की मौत की बात कही है और घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। वहीं, यूनियन नेताओं का कहना है कि खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) के नियमों का उल्लंघन कर कोयले का उत्खनन किया जा रहा है, जिसके कारण यह हादसा हुआ है। अगर इस हादसे से सबक नहीं लेते हैं तो आगे भी ऐसी घटना देखने को मिलेगी। घटना को लेकर लोगों में बीसीसीएल और आउटसोर्सिंग प्रबंधन के खिलाफ आक्रोश है। सीओ बाघमारा गिरिजानंद किस्कू और कतरास थाना प्रभारी असित कुमार लगातार घटनास्थल का मुआयना कर रहें हैं। वक्त आ गया है कि अब आम लोगों को ही अपने इलाके के रक्षार्थ खड़ा होना होगा वरना आपके घर – आंगन – परिवार सुरक्षित नहीं बचेंगे, अंग्रेजों भारत छोड़ो की तर्ज पर हमें ऐसे लोगों को खदेड़ना होगा जो अपने लाभ के खातिर हमें असुरक्षित करके खुद करोड़पति और अरबपति बन रहे और निर्दोष एवं मासूम लोग जमींदोज हो रहे।

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