रांची। झारखंड उच्च न्यायालय में झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा (जेटीईटी) की परीक्षा नहीं कराए जाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। उच्च न्यायालय में राज्य के शिक्षा सचिव सशरीर उपस्थित हुए। मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को यह निर्देश दिया है कि जैक के माध्यम से मार्च 2026 तक जेटीईटी की परीक्षा ली जाए और जेटीईटी की परीक्षा होने और उसके परिणाम आने तक सहायक आचार्य के बचे हुए पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू ना की जाए।

इसके साथ ही अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि जब तक जेटीईटी परीक्षा नहीं होती, तब तक राज्य में शिक्षक नियुक्ति का नया विज्ञापन जारी न किया जाए। वहीं अदालत ने राज्य में पिछले 9 वर्षों से जेटीईटी परीक्षा आयोजित नहीं किये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। इस मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की अदालत में गुरुवार को हुई। प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भरद्वाज और कुशल कुमार ने बहस की।

उच्च न्यायालय में रितेश महतो एवं अन्य 401 प्रार्थियों की ओर से याचिका दायर की गई है। अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि नौ साल से परीक्षा नहीं ली जा रही है। जिसके चलते बहुत सारे अभ्यर्थी इस नियुक्ति प्रक्रिया से बाहर हो जा रहे हैं। क्योंकि नियुक्ति में जेटीईटी पास होने की शर्त लगाई गई है।

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