Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, June 18
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»विशेष»आफत में राहत
    विशेष

    आफत में राहत

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीOctober 16, 2017No Comments2 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    सर्वोच्च न्यायालय ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर निकालने पर फिलहाल रोक लगा दी है। जाहिर है, यह केंद्र सरकार के लिए एक झटका है, जिसने अगस्त मेंराज्यों को एक परिपत्र भेज कर ‘अवैध प्रवासियों’ की पहचान करने और उन्हें देश से बाहर निकालने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया था। हालांकि गृह मंत्रालय की तरफ से भेजे गए इस परिपत्र में रोहिंग्याओं का अलग से जिक्र नहीं था, पर संदर्भ और वक्त के चुनाव से समझा जा सकता है कि मुख्य रूप से वही निशाने पर थे। सर्वोच्च अदालत का स्थगन आदेश भाजपा के लिए भी झटका है जो रोहिंग्या शरणार्थियों को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बताते हुए उन्हें जल्दी से जल्दी यहां से भगाने की वकालत कर रही थी। लेकिन अदालत के आदेश का यह मतलब नहीं कि राष्ट्रीय सुरक्षा उसकी नजर में कोई गौण प्रश्न है। दरअसल, उसके लिए कई और सवाल भी अहम हैं। सर्वोच्च अदालत में दायर की गई याचिकाओं में रोहिंग्या मुसलमानों को शरण देने की मांग करते हुए उनके संकट को मानवीय नजरिए से देखने का अनुरोध किया गया है। अदालत का पिछले हफ्ते का आदेश एक अंतरिम आदेश है, पर इस आदेश से और सुनवाई के दौरान की एक-दो टिप्पणियों से उसके रुख का अंदाजा लगाया जा सकता है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleयोगी और केशव की खाली सीटों को लेकर पार्टियों में शुरू हुई जंग.
    Next Article पटाखों पर प्रतिबंध का विरोध जारी,
    आजाद सिपाही
    • Website
    • Facebook

    Related Posts

    एक साथ कई निशाने साध गया मोदी का ‘कूटनीतिक तीर’

    June 8, 2025

    राहुल गांधी का बड़ा ‘ब्लंडर’ साबित होगा ‘सरेंडर’ वाला बयान

    June 7, 2025

    बिहार में तेजस्वी यादव के लिए सिरदर्द बनेंगे चिराग

    June 5, 2025
    Add A Comment

    Comments are closed.

    Recent Posts
    • फ्लाईओवर का नामकरण मदरा मुंडा के नाम पर करने की मांग
    • पूर्व पार्षद सलाउद्दीन को हाई कोर्ट से मिली अग्रिम जमानत
    • झारखंड मंत्रिपरिषद् की बैठक 20 को
    • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के साथ प्रशिक्षु अधिकारियों की शिष्टाचार भेंट
    • हिमाचल के लिए केंद्र से 2006 करोड़ रुपये की मंजूरी, जेपी नड्डा ने जताया आभार
    Read ePaper

    City Edition

    Follow up on twitter
    Tweets by azad_sipahi
    Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
    © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

    Go to mobile version