गांधी जयंती यानि दो अक्टूबर से राजधानी रांची को ओडीएफ यानि खुले में शौच से मुक्त घोषित कर दिया गया. रांची नगर निगम का दावा है कि राजधानी में अब खुले में शौच कोई नहीं करता है. लेकिन यह दावा कितना खोखला है, इस बात का खुलासा एक मुर्दे ने कर दी है.
रांची पुलिस ने चुटिया थाना क्षेत्र मुकचुंद तालाब के किनारे से एक रिक्सेवाले का शव बरामद किया. स्थानीय लोगों की माने तो वह रिक्सावाला वहां शौच करने गया था, लेकिन मिरगी की बीमारी के कारण वहीं गिर कर मर गया.
मुर्दे के इस गवाही के बाद जब न्यूज18 / ईटीवी ने रांची की मेयर से ओडीएफ घोषणा का सच जानना चाहा तो उन्होंने जो कहा वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जमीन पर किए जा रहे प्रयास की एक दूसरी ही तस्वीर पेश कर दी.
रांची की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि ओडीएफ के तहत जितने शौचालाए बनाए जाने थे वे बना दिए गए. लेकिन लोग रांची में आते जाएंगे, बसते जाएंगे और शौचालय बनाए जाते रहेंगे. यह जीवनपर्यंत चलता रहेगा. मालूम हो कि पीएम मोदी की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक स्वच्छता और खुले में शौच से मुक्त भारत बनाने की है. लेकिन इस योजना को लेकर स्थानीय स्तर पर जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की सोंच और क्रियान्वयन का जो तरीका है, उससे योजना केवल कागजों तक ही सिमट कर रह जाएगी. इस बात की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है.