रांची। लोकमंथन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मुट्ठी भर लोग राष्ट्रवाद और भारत की मूल भावना को कमजोर कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद कांग्रेस पार्टी ने देश के महापुरुषों का अपमान किया है। वामपंथी इतिहासकारों ने भारत की छवि को गलत तरीके से रखने का काम किया है। लोकमंथन सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को नयी दिशा देगा। उन्होंने कहा कि सभी धर्म एक जैसा है। हिंदू धर्म सभी धर्म की इज्जत करता है। हिंदू धर्म कभी यह नहीं कहता कि वह सबसे अच्छा है। जबकि इसाइयत और इस्लाम दावा करता है कि हमारा धर्म सबसे अच्छा है। हम धरती को मां कहते हैं, धरती के साथ मां और बेटे का संबंध सिर्फ भारत में है। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम को विस्तार देने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का
लोक जीवन नृत्य, गीत और संगीत से परिपूर्ण है। आदिवासियों का इतिहास हजारों साल पुराना है। देश को आगे समृद्ध करने में जनजाति समाज का बहुत बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि समाज को तोड़नेवाली शक्तियां आज पहले से ज्यादा सक्रिय हैं। सारा समाज अपना है, यह भाव जगाना है। आदिवासियों को बहला फुसला कर उनका धर्मांतरण कराया जाता था। हमने धर्मांतरण कानून बनाया। अब जबरन धर्मांतरण कराने पर एक लाख का जुर्माना और चार साल की कैद का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सरना-मसना स्थल की घेराबंदी करायी जा रही है।
झारखंड में शिक्षा और रोजगार के लिए योजना बनाकर क्रियान्वयन किया जा रहा है। साढ़े तीन साल में 32 लाख युवाओं को रोजगार या स्वरोजगार से जोड़ा गया है। आदिम जनजाति को नौकरी में दो प्रतिशत का आरक्षण दिया जा रहा है। घर-घर तक डाकिया योजना के तहत राशन पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय मंत्र से प्रेरणा लेकर झारखंड सरकार काम कर रही है। महिलाओं को मकान या जमीन एक रुपये में रजिस्ट्री करायी जा रही है। अब तक एक लाख महिलाओं को इसका लाभ मिला है।