रांची। शहर में बैग टपाने और पॉकेट मारनेवाले गिरोह के तीन सदस्य कोतवाली पुलिस के कब्जे में हैं। तीनों बोकारो के चंदनकियारी थाना क्षेत्र के मोहान गांव के रहनेवाले हैं। तीनों की उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच है। कोतवाली थाना के इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल गुरुवार को तीनों से यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि शहर में कितने अपराधों को अंजाम दिया गया।
कोतवाली पुलिस ने तीनों को गुरुवार को खादगढ़ा के पास से गिरफ्तार किया। उसमें से एक मेनहन साही, दूसरा आलम साही और तीसरा इस्लाम साही है। तीनों अपने को निर्दोष बता रहे थे। इस्लाम गिरोह का सरगना है। कहता है कि हमलोग अपराध नहीं करते। इंस्पेक्टर कहते हैं, क्या बोला-अपराध नहीं करते हो, वे किसी का नाम लेते हैं। इतने में इस्लाम बोलता है, सर..हम डकैत नहीं हैं। पाकिटमार हैं। बड़े अपराधी नहीं हैं। सबकुछ दो-चार पैसे के लिए करते हैं। बगल में बैठा आलम से जब पूछा गया कि तुमको हिस्सा कितना मिलता है, तो वो कहता है कि दो से तीन सौ रुपया सर। जैसा हाथ लगा, वैसा हिस्सा। तीसरा मेनहन साही इस धंधे में नया है। अभी ट्रेनिंग में है। वह कह रहा था, हम तो सीख रहे हैं सर, पहली बार रांची आये हैं।
तीनों अपनी सफाई दे रहे थे और कोतवाली पुलिस की टीम चुपचाप सुन रही थी। एक घंटे तक तीनों अपने को निर्दोष साबित करने की भरसक कोशिश करते रहे। परंतु जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ शुरू की, तब शहर की कई पाकेटमारी की घटनाओं में इन तीनों ने अपनी संलिप्तता कबूली। आलम बता रहा था कि वह किस तरह से ऊपर की जेब में रखे नोट को निकाल लेता है। पाकेटमारी के अलावा इस गिरोह के लोग आॅटो में पीछे बैठते हैं और सामान टपा ले जाते हैं। लालपुर के रहनेवाली एक महिला रीता कुमारी को कोतवाली पुलिस ने बुलवाया। वह करीब 12 बजे दिन में कोतवाली पहुंची। अपराधियों को देखते ही, कहने लगी। हां सर इसमें से एक ने मेरा सामान गायब किया है, जिसमें सोने का झुमका, सोने की चेन और 10 हजार रुपये थे। रीता सिल्ली जा रही थीं और गाड़ी पकड़ने के लिए आॅटो में बैठी थीं। उसने इस्लाम की पहचान कर ली। पुलिस को बताया कि ये सभी आॅटो में बैठे थे। बहु बाजार जाना था। सुजाता चौक के पास ये उतर गये थे। आॅटो चालक ने उस दिन यात्री बन कर बैठे इन यात्रियों को टोका भी था, लेकिन काम का बहाना बनाकर उतर गये। जब वह कांटाटोली पहुंची, तो सामान गायब मिला। इस्लाम सब कुछ सुन रहा था। उसने तपाक से जवाब दिया कि मैडम झूठ मत बोलिये, आपके बच्चे हैं। हमको फंसाइये मत। हम इसमें शामिल नहीं थे। पूछताछ का यह सिलसिला चल ही रहा था कि इस बीच जींस और पीला शर्ट पहने एक व्यक्ति को पुलिसकर्मी वहां लेकर पहुंचे। पता चला यह मुंगेर का रहनेवाला है। कोतवाली पुलिस ने उसे गुरुवार को पकड़ा था। उसका नाम जहांगीर आलम है।
इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने अन्य अपराधियों को दिखाकर जहांगीर से पूछा, इनको जानते हो, उसने कहा, ये सभी नौसिखये हैं, हमारे गिरोह के नहीं हैं। पुलिस अधिकारी ने पूछा कि जो जेवरात रांची से टपाये, उसका क्या किया। जवाब था खपा दिया। सवाल हुआ, कहां? बोला मुंगेर में अशोक सोनार को बेच दिया। पुलिस का दावा है कि इनकी गिरफ्तारी से कई घटनाओं का खुलासा होगा।
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