Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Tuesday, May 13
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Jharkhand Top News»उषा मार्टिन: कभी झारखंड की शान, आज दामन पर दाग
    Jharkhand Top News

    उषा मार्टिन: कभी झारखंड की शान, आज दामन पर दाग

    azad sipahi deskBy azad sipahi deskOctober 7, 2020No Comments6 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    आज से 22 साल पहले शिव विश्वनाथन और हर्ष सेठी ने भारत में भ्रष्टाचार की कहानियों पर ‘क्रॉनिकल आॅफ करप्शन : फाउल प्ले’ नामक एक किताब लिखी थी, जिसमें उन्होंने भ्रष्टाचार को चार तरह से परिभाषित किया है। लेकिन कभी झारखंड की शान रही उषा मार्टिन कंपनी ने राज्य के माथे पर जो कलंक का टीका लगाया है, उसकी कल्पना भी इन लेखकों ने नहीं की है। देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी सीबीआइ ने उषा मार्टिन प्रबंधन द्वारा बरते गये भ्रष्ट आचरणों का पता लगाते हुए इसी महीने की 2 अक्तूबर को जो प्राथमिकी दायर की है, उससे इस कंपनी के काले कारनामों की कलई खुल गयी है। पहले राज्य की संपदा की लूट, फिर अफसरों के साथ मिल कर उस पर पर्देदारी का प्रयास और मामला फंसने पर जांच अधिकारी को रिश्वत देने के उषा मार्टिन प्रबंधन के प्रयासों ने साफ कर दिया है कि इस कंपनी की नीतियों में राज्यहित का कोई मान-सम्मान नहीं है, बल्कि यह येन-केन प्रकारेण केवल मुनाफा कमाना जानती है। उषा मार्टिन के खिलाफ जो आरोप सीबीआइ ने लगाये हैं और जिन मामलों में उसके खिलाफ जांच चल रही है, उन सभी से पता चलता है कि यह कंपनी सरकारी नियम-कायदों को ठेंगे पर रखती है। इसके प्रबंधन को केवल अपने मुनाफे से मतलब है और जिस जमीन पर यह खड़ी है, उसकी बदनामी इसका उद्देश्य। उषा मार्टिन के खिलाफ ताजा विवाद की पृष्ठभूमि में औद्योगिक भ्रष्टाचार की इस नयी गंगोत्री पर आजाद सिपाही ब्यूरो की खास रिपोर्ट।
    झारखंड में टाटा समूह के बाद निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी उषा मार्टिन एक नये आरोप से घिर गयी है। सीबीआइ ने इसके प्रबंध निदेशक राजीव झंवर, इसके अधिकृत प्रतिनिधि राजकुमार कपूर और दूसरे लोगों के खिलाफ जो प्राथमिकी दायर की है, उससे इस कंपनी में जारी संदिग्ध और भ्रष्ट गतिविधियों की बू आ रही है। 60 के दशक में रांची के बाहरी इलाके टाटीसिलवे में स्थापित यह कंपनी कभी इस इलाके की शान हुआ करती थी। इसने अपने साम्राज्य का विस्तार भी किया। लेकिन आज इस कंपनी के दामन पर दाग लग चुका है। इस कंपनी ने किस तरह नियम-कानून को धता बता कर गलत हथकंडा के सहारे घाटकुरी माइंस को हासिल हासिल किया और फिर कैसे अवैध उत्खनन में शामिल हो गयी।
    उषा मार्टिन और इसके प्रबंध निदेशक राजीव झंवर के खिलाफ सीबीआइ ने 2 अक्तूबर 2020 को जो नयी प्राथमिकी दायर की है, उसमें 2016 में दायर अवैध उत्खनन के एक मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। कहा गया है कि कैसे इस मामले को प्रभावित करने के लिए घूसखोरी का सहारा लेने की कोशिश की गयी। सीबीआइ ने इस मामले में अपने एक पूर्व एसपी एनएमपी सिन्हा को 20 लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार भी किया है। सीबीआइ ने यह उजागर किया है कि उषा मार्टिन की तरफ से इस मामले को मैनेज करने के लिए पचास लाख रुपये देने की पेशकश की गयी थी।
    इस पूरे प्रकरण को समझने के लिए सीबीआइ द्वारा 20 सितंबर, 2016 को दायर मामले को समझना जरूरी है। सीबीआइ के डीएसपी हिमांशु बहुगुणा के आवेदन के आधार पर दायर इस मामले में उषा मार्टिन और झारखंड सरकार के तत्कालीन खान निदेशक आइडी पासवान के खिलाफ पश्चिमी सिंहभूम की घाटकुरी लौह अयस्क खदान को गलत तरीके से हासिल करने और फिर अवैध खनन करने का आरोप लगाया गया है। प्राथमिकी में उषा मार्टिन प्रबंधन और आइडी पासवान के बीच आपराधिक गठजोड़ करने और साजिश कर सरकारी राजस्व का नुकसान करने का आरोप भी लगाया गया है। दरअसल, घाटकुरी खदान उषा मार्टिन को अपने संयंत्र में इस्पात उत्पादन के लिए आवंटित की गयी थी। जब लीज आवंटन से संबंधित आदेश निकला तो आवंटन की इस शर्त को तत्कालीन खान निदेशक के साथ मिल कर हटा दिया गया। फिर खदान मिलने के बाद नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए बड़ी मात्रा में अवैध उत्खनन कर उसे बाहर की कंपनियों को बेच दिया। इससे न केवल राज्य की संपदा की लूट हुई, बल्कि बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व को भी नुकसान पहुंचा। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सीबीआइ ने इस मामले में 2016 में उषा मार्टिन के कार्यालयों में छापामारी की और बाद में प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी की 190 करोड़ की संपत्ति भी जब्त कर ली। इस मामले में सीबीआइ ने उषा मार्टिन के प्रबंध निदेशक समेत अन्य निदेशकों के खिलाफ समन जारी कर रखा है। सीबीआइ का आरोप है कि 2016 में दायर इस मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए ही उषा मार्टिन के प्रबंध निदेशक और अन्य आरोपी आपराधिक साजिश रच रहे थे। इस मामले में एक और चौंकानेवाला पक्ष सामने यह आया है कि जब सीबीआइ ने अवैध उत्खनन मामले में उषा मार्टिन के प्रबंधन के खिलाफ समन जारी कर दिया, तो उसके बाद ही उषा मार्टिन के नन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ब्रज किशोर झवर ने 17 सितंबर को कंपनी बोर्ड को यह सूचित किया कि उन्होंने अपना पद छोड़ने का फैसला किया है। वे 23 सितंबर की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
    झारखंड अलग राज्य बनने के बाद उषा मार्टिन ने प्रदेश में अपने साम्राज्य के फैलाव के लिए जिस तरह के गलत हथकंडों को अपनाया, वह अब खुल कर सामने आने लगा है। कंपनी ने गलत तथ्यों की मदद से न केवल घाटकुरी लौह अयस्क खदान का आवंटन हासिल कर लिया, बल्कि खनन के लिए निर्धारित शर्तों का भी उल्लंघन किया। इसका सीधा परिणाम यह हुआ कि खनन इलाके में जनजीवन और पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ और सरकारी खजाने को राजस्व भी नहीं मिला। इस दौरान कंपनी का टॉप प्रबंधन अपनी जेबें भरता रहा। हस्र यह हुआ कि कंपनी की आर्थिक हालत खोखली हो गयी और बैंक का कर्ज गले तक पहुंच गया, तो प्रबंधन ने अपना संयंत्र ही बेच दिया।
    उषा मार्टिन की यह कहानी झारखंड के माथे पर एक काला धब्बा है। जो कंपनी स्थापना के अगले ही साल से 50 साल तक लगातार अपने निवेशकों को लाभांश देती रही और राज्य के औद्योगिक माहौल में मिसाल कायम करती रही, उसका एकाएक ऐसा पतन अचंभित करनेवाला है। प्रबंधन ने सोने का अंडा देनेवाली इस मुर्गी को ही मार डाला।
    कंपनी के आधुनिकीकरण और कर्मचारियों के हितों के विपरीत प्रबंधन में बैठे लोग अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए कंपनी का अंधाधुंध दोहन करने लगे और इस क्रम में उन्होंने नियम-कायदों की घोर अनदेखी भी की। इसके कारण उषा मार्टिन नित नये विवाद में फंसती गयी और प्रबंधन में हावी लोग मजे लूटते रहे। इसलिए कभी साढ़े चार हजार परिवारों की रोजी-रोटी चलानेवाली उषा मार्टिन आज इस कदर विवादित हो गयी है कि लोग इसका नाम भी नहीं लेना चाहते। झारखंड के औद्योगिक इतिहास में उषा मार्टिन का योगदान इसलिए याद रखने योग्य है कि एक तरफ इसने कुछ सुनहरे पन्ने जोड़े, तो दूसरी तरफ यह धब्बा बन कर भी सामने आयी। उषा मार्टिन का अंतिम हश्र चाहे कुछ भी हो, एक बात तय है कि जिस उद्योगपति ने इसे अपने खून-पसीने से सींचा और पाला-पोसा, उसे इस तरह मिट्टी में मिलते देखना दुखद ही कहा जा सकता है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleसुशांत की बहनों पर दर्ज मामले पर रोक नहीं लगाएगा हाईकोर्ट
    Next Article जांच में दोषी साबित हों तब तेजस्वी को फांसी पर चढ़ा देना : राजद
    azad sipahi desk

      Related Posts

      प्रधानमंत्री मोदी का पाक को संदेश, ‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता’

      May 12, 2025

      धनबाद में पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर: बाबूलाल का सरकार से सवाल- डीआइजी बड़ा या डीएसपी?

      May 12, 2025

      पाकिस्तान ने कुछ किया, तो भारत करेगा तीखा पलटवार… पीएम मोदी की जेडी वेंस को दो टूक चेतावनी

      May 12, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री मोदी का पाक को संदेश, ‘पानी और खून एक साथ नहीं बह सकता’
      • ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज रात 8 बजे राष्ट्र को करेंगे संबोधित
      • धनबाद में पुलिसकर्मियों का ट्रांसफर: बाबूलाल का सरकार से सवाल- डीआइजी बड़ा या डीएसपी?
      • पाकिस्तान ने कुछ किया, तो भारत करेगा तीखा पलटवार… पीएम मोदी की जेडी वेंस को दो टूक चेतावनी
      • एयरस्ट्राइक पर एयरमार्शल बोले- भय बिनु होय ना प्रीत:सेना ने कहा- आतंकियों के खिलाफ लड़ाई को पाकिस्तानी सेना ने अपना बना लिया
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version