कोलकाता। अनूप माजी उर्फ लाला के बिजनेस पार्टनर गुरुपद माजी ने कोयले की अवैध कमाई में मिलनेवाली हिस्सेदारी की लाउंड्रिंग के लिए खुद ही 20 शेल कंपनियां बनायी थीं। इन कंपनियों में अपने पारिवारिक सदस्यों को निदेशक नियुक्त किया था। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने इसीएल कोयला घोटाले की जांच में पाया कि इन शेल कंपनियों में भी मनी लाउंड्रिंग के लिए कोलकाता की शेल कंपनियों की मदद ली गयी थी।
लाला ने गुरुपद के साथ मिल कर एक रिजॉर्ट बना रखा है। गुरुपद एक राइस मिल का भी मालिक है। इडी ने जांच के दौरान पाया कि इसीएल के लीज क्षेत्र में अवैध खनन और कोयले के व्यापार में गुरुपद माजी, लाला का सबसे ज्यादा करीबी है। लाला ने गुरुपद के साथ मिल कर एक्सल इंफ्राबिल्ट प्रालि नाम की कंपनी बनायी थी। इसमें लाला की पत्नी रूपाली माजी और गुरुपद निदेशक हैं।
यह कंपनी बिहारी नाथ रिजॉर्ट चलाती है। गुरुपद को अवैध खनन के सहारे निकाले गये कोयले के व्यापार में मिली राशि को जायज करार देने के लिए 20 शेल कंपनियां बनायी थीं। इन कंपनियों में उसकी पत्नी (निलिमा माजी), बेटा (सौरभ माजी, शुभम माजी), भतीजा (तापस माजी), साला (निमाई मंडल) और मामा (प्रशांत माजी) निदेशक हैं। इन कंपनियों का 95 प्रतिशत शेयर इन्हीं लोगों के पास है। गुरुपद की ये शेल कंपनियां कागजी तौर पर विभिन्न प्रकार का व्यापार करती हैं। साथ ही निवेश के मामले में सलाह भी देती हैं।
इडी ने जांच में पाया कि कोलकाता की नितिका व्यापार, ल्यूमिनेट ट्रेडर्स, नेमी नाथ व्यापार, पीपीजे इंजीनियरिंग, रिचमॉन्ड निरमन, एसपीए सेल्स, अजीत नाथ ट्रेक्सिम, शीलभद्र व्यापार, टोरेंट एजेंसीज और परम प्रभु नाम की शेल कंपनियों के माध्यम से गुरुपद की कंपनियों में पैसे लगाये गये।

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