3 साल में 16 हजार करोड़ से 8 लाख बेघरों को राज्य सरकार देगी अपना घर
रांची : झारखंड के करीब 8 लाख लाभुकों को अबुआ आवास योजना का लाभ देने के लिए ग्रामीण विकास विभाग एक पोर्टल तैयार हो चुका है. इसे जैप आइटी के सहयोग से विकसित किया गया है. अगले 3 वर्ष में लगभग 16 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर राज्य सरकार अपनी निधि से जरूरतमंद लोगों को आवास उपलब्ध करवाएगी. अबुआ आवास योजना के पात्र राज्य के वैसे सभी लोग होंगे, जो कच्चे मकान में रह रहे हैं. योजना के लाभुकों के चयन की प्रक्रिया राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर से शुरू की जाएगी. वित्तीय वर्ष 2023- 24 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में केंद्र सरकार ने नये आवासों की स्वीकृति नहीं दी है. इसको लेकर राज्य और केंद्र सरकार के बीच कई बार बातचीत भी हुई. प्रधानमंत्री आवास योजना में राज्य सरकार की वित्तीय भागीदारी 40 प्रतिशत होता था. इसके बाद राज्य सरकार नें अपने वित्तीय स्रोत से अबुआ आवास योजना के तहत 2023-24 में दो लाख परिवारों को आवास देने का निर्णय लिया है.

सरकार देगी घर बनाने के लिए दो लाख
अबुआ आवास योजना के तहत तीन कमरे के मकान के लिए प्रति आवास राज्य सरकार दो लाख रुपए लाभुकों को देगी. इस वित्तीय वर्ष में भी दो लाख आवास 31 मार्च 2024 तक स्वीकृत कर दिए जाएंगे. इसमें करीब 4106.67 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 3,50,000 इकाई आवास निर्माण की स्वीकृति दी जाएगी, जिसमें 7106.67 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. वहीं, 2025-26 में 2,50,000 इकाई आवास स्वीकृत होंगे, जिसमें 5106.96 करोड़ रुपए खर्च होंगे. यानी अगामी तीन वर्षो में 16 हजार करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जाएगी.

ग्रामीण विकास विभाग सॉफ्टवेयर डेवलप करेगा
अबुआ आवास योजना के लाभुकों के चयन के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने एक सॉफ्टवेयर डेवलप कर लिया है. इसी सॉफ्टवेयर के माध्यम से ग्रामसभा की अनुशंसा के बाद लाभुकों का चयन किया जाना है. योग्य लाभुकों के आवेदन आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम के माध्यम से लिया जाएगा. इस अभियान के तहत सुदूर इलाकों में शिविर लगाए जाएंगे, जहां लोगों से विभिन्न योजनाओं और सेवाओं के लिए आवेदन लिया जाएगा. इसे निर्धारित समय में पूरा किया जाएगा.

8 साल में सरकार ने 8294.21 करोड़ किए खर्च
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2016-17 से 23- 24 के बीच 15 लाख 82 हजार आवास स्वीकृत किए गए. इसमें राज्य सरकार ने 8294.21 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. केंद्र संपोषित इस योजना में राज्य सरकार को 40% शेयर राज्य बजट से एलोकेशन करना होता है.

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