रांची। झारखंड विधानसभा के पूर्व स्पीकर शशांक शेखर भोक्ता का सुरक्षा गार्ड वापस ले लिया गया है। इससे पहले सारठ विधानसभा क्षेत्र (देवघर) से दो बार विधायक रह चुके भोक्ता का टिकट भी होने जा रहे विधानसभा चुनाव में काटा जा चुका है। शशांक शेखर भोक्ता ने इस स्थिति पर निराशा जाहिर की है। बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले तो सारठ सीट से झामुमो से उनका टिकट काटा गया और अब पूर्व स्पीकर के नाते मिला गार्ड भी वापस ले लिया गया है। ऐसा क्यों हुआ होगा, इस पर कहना उचित नहीं। पर यह सब संयोग है या प्रयोग, नहीं पता। शशांक ने यह भी सवाल किया कि क्या सारठ विधानसभा क्षेत्र की जनता को सन 2000 के पहले की स्थिति की पुनरावृत्ति का संकेत दिया जा रहा है।
बाहरियों का तीर अपनों पर
शशांक शेखर भोक्ता ने पिछले दिनों झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल होनेवाले पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के साथ सहानुभूति जतायी है। कहा भी है कि चंपाई का दर्द अब उन्हें भी समझ आया। इसे बाहरियों का तीर स्वयं को लगने के प्रसंग से जोड़ा। पूर्व स्पीकर भोक्ता के मुताबिक, 34 साल सारठ विधानसभा क्षेत्र में जिसके सामंतवादी व्यवस्था के विरुद्ध झारखंड मुक्ति मोर्चा के सिद्धांतों के तहत लड़ाई लड़ी, जनता को मुक्ति दिलायी, पार्टी ने उसी को सारठ का प्रतिनिधित्व करने के लिए टिकट दे दिया। फैसला जनता को नामंजूर।