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कांग्रेस को नुकसान पहुंचायेगी इरफान अंसारी की बदजुबानी
नमस्कार आजाद सिपाही विशेष में आपका स्वागत है। मैं हूं राकेश सिंह।
झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव का माहौल एक बड़बोले कांग्रेस प्रत्याशी डॉ इरफान अंसारी की अपनी महिला प्रतिद्वंद्वी सीता सोरेन पर की गयी अमर्यादित टिप्पणी से अचानक गरमा नहीं गया है, बल्कि तनावपूर्ण हो गया है। वर्तमान सरकार में मंत्री और जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ इरफान अंसारी ने अपना नामांकन दाखिल करने के बाद सीता सोरेन के बारे में जो टिप्पणी की, उसने न केवल उनका, बल्कि पूरी पार्टी का नुकसान कर दिया है। इस मामले को लेकर सीता सोरेन और भाजपा स्वाभाविक रूप से आक्रामक है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस अपने इस बदजुबान नेता के बचाव में उतर आयी है। वास्तव में इरफान अंसारी का यह बयान न केवल सीता सोरेन के खिलाफ है, बल्कि भाजपा का मानना है कि इससे झारखंड की महिलाओं का अपमान हुआ है। इसलिए यह मुद्दा केवल राजनीतिक नहीं, सामाजिक हो गया है। इरफान अंसारी के साथ विवादित बयानों का एक लंबा रिकॉर्ड रहा है। वह आदिवासियों से लेकर पीएम मोदी तक के खिलाफ इस तरह के विवादित बयान दे चुके हैं। इरफान अंसारी उन तीन विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें 2022 में 49 लाख रुपये नगद के साथ बंगाल में गिरफ्तार किया गया था और राजनीतिक हलकों में चर्चा थी कि झारखंड सरकार को गिराने के लिए वह विपक्ष के साथ डील कर रहे थे। इस मामले में वह जमानत पर हैं। ऐसे विवादास्पद नेता के बारे में अब कांग्रेस को ही नहीं, झामुमो को भी गंभीरता से सोचना होगा।
क्या है इरफान अंसारी के विवादित बयान से जुड़ा यह मामला और क्या हो सकता है इसका चुनावी असर, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।

विधानसभा चुनाव के बुखार में तप रहे झारखंड में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री और जामताड़ा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी डॉ इरफान अंसारी ने 24 अक्टूबर को अपनी प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सीता सोरेन पर विवादित टिप्पणी कर दी। अपना नामांकन दाखिल करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए दो बार विधायक रहे अंसारी ने कहा कि उधार के खिलाड़ी आगामी चुनावों में कोई फर्क नहीं डालेंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया कि भाजपा ह्यरिजेक्टेड मालह्ण को हाइजैक कर रही है। उनका संदर्भ सीता सोरेन ही थीं, जो लोकसभा चुनाव से पहले झामुमो छोड़ कर भाजपा में शामिल हो गयीं और अभी जामताड़ा विधानसभा सीट से भाजपा की प्रत्याशी हैं। इतना ही नहीं, सीता सोरेन उस शिबू सोरेन की बड़ी बहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं, जिन्हें इरफान अंसारी ह्यराजा दशरथह्ण और ह्यभगवान रामह्ण बताते हुए खुद को उनका ह्यहनुमानह्ण बता चुके हैं।

सीता सोरेन के बारे में की गयी इस अमर्यादित टिप्पणी के बाद से इरफान अंसारी चौतरफा घिर गये हैं। चुनाव आयोग के आदेश पर उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गयी है, तो राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने उन्हें नोटिस जारी किया है। राजनीतिक मोर्चे पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने इरफान अंसारी और कांग्रेस पर चौतरफा हमला बोल दिया है, जबकि कांग्रेस अपने इस बड़बोले नेता के बचाव में उतर आयी है।

क्या कहा सीता सोरेन ने
इरफान अंसारी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए सीता सोरेन ने कहा कि अंसारी को मीडिया के सामने उनके खिलाफ इस्तेमाल की गयी अभद्र भाषा के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा, कांग्रेस उम्मीदवार इरफान अंसारी को नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद मीडिया के सामने मेरे खिलाफ इस्तेमाल की गयी अभद्र भाषा के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने पहले भी मेरे खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणी की थी, लेकिन उस बार उन्होंने अपनी सीमाएं लांघ दी थीं। इरफान जी माफी मांगें, अन्यथा उग्र विरोध के लिए तैयार रहें। उन्होंने आगे कहा कि इतने सम्मानित पद पर बैठे व्यक्ति द्वारा उनके खिलाफ जिस तरह की भाषा का प्रयोग किया गया है, उससे महिला समाज भयभीत है। सीता सोरेन ने कहा, अगर आप मेरे लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल कर सकते हैं, तो गरीब और असहाय महिलाओं पर क्या बीत रही होगी। जब तक ऐसे नेता सत्ता में रहेंगे, महिलाएं असुरक्षित रहेंगी, उन्हें सत्ता से उखाड़ फेंकने का समय आ गया है। आप महिलाओं को जिस नजर से देखते हैं, वह आज जनता के सामने है और जनता इसका जवाब देगी।

विवादों से पुराना नाता रहा है इरफान अंसारी का
झारखंड के पूर्व सांसद और वरिष्ठ कांग्रेस नेता फुरकान अंसारी के राजनीतिक उत्तराधिकारी इरफान अंसारी का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह अक्सर विवादित बयान देने के कारण चर्चा में रहते हैं। झारखंड की पांचवीं विधानसभा में उन्होंने कई बार विपक्षी नेताओं के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी की है। पिछले अगस्त में उन्होंने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी। उन्होंने उस समय कह दिया था, आदिवासी इतना तेज कैसे हो सकता है?

(एक आदिवासी इतना बुद्धिमान कैसे हो सकता है?) इस टिप्पणी से बड़ा विवाद पैदा हो गया था, जिस पर भाजपा के राज्य और केंद्रीय नेतृत्व ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कांग्रेस विधायक की आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा की थी। इससे पहले वर्ष 2022 में बॉलीवुड अ•िानेत्री कंगना रनौत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के बाद इरफान अंसारी की भी काफी आलोचना हुई थी।

कैश कांड में भी फंसे थे इरफान अंसारी
इरफान अंसारी 2022 में हुए बहुचर्चित कैश कांड में भी फंसे थे। उन्हें झारखंड के दो अन्य कांग्रेसी विधायकों के साथ 49 लाख रुपये नगद के साथ पश्चिम बंगाल के हावड़ा में गिरफ्तार किया गया था। उस समय यह चर्चा चली थी कि यह रकम इरफान अंसारी और दो अन्य विधायकों ने झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार को गिराने के एवज में ली है। इन तीनों विधायकों को हावड़ा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पांच महीने बाद में उन्हें जमानत मिली और वे बाहर निकले।

इरफान अंसारी ने दी सफाई
वहीं, इरफान अंसारी ने कहा है कि कि भाजपा और सीता सोरेन ने उनके वीडियो को काट-छांट कर पेश किया है। वास्तविक वीडियो में उन्होंने सीता सोरेन का नाम तक नहीं लिया, फिर भी भाजपा की चालबाजियों में उनके खिलाफ झूठ फैलाने के लिए वीडियो को क्रॉप कर पेश किया जा रहा है। सीता सोरेन और भाजपा पर वह मानहानि का दावा करेंगे और चुनाव आयोग भी जायेंगे।

कांग्रेस-झामुमो को होगा नुकसान
इरफान अंसारी की इस टिप्पणी से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को तो नुकसान होगा ही, साथ ही झामुमो को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
इरफान अंसारी का बयान बताता है कि महिलाओं के लिए कांग्रेस की क्या सोच है। इरफान अंसारी के बयान के बाद कहा जा रहा है कि कांग्रेस महिला और युवा विरोधी पार्टी है। कांग्रेस के मन में महिलाओं के लिए ओछी मानसिकता हमेशा से रही है। कांग्रेस ने एक आदिवासी महिला का अपमान किया है। अगर कांग्रेस महिलाओं की इतनी ही चिंता करती है, तो इरफान अंसारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। कहा जा रहा है कि इरफान अंसारी केवल सीता सोरेन का अपमान नहीं किया, बल्कि झारखंड की बहनों और बेटियों का भी अपमान किया है। इतना ही नहीं, सीता सोरेन भाजपा की नेता होने के अलावा शिबू सोरेन की बहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं। झारखंड के लोगों में उनके लिए अलग सम्मान है। ऐसे में इरफान अंसारी का बयान झारखंड के आदिवासियों को आहत कर गया है।

इरफान अंसारी के 10 विवादित बयान
06 जनवरी 2022: पीएम मोदी को हिंदुस्तान में अगर डर लगता है, तो जायें पाकिस्तान। बेवजह सिख समुदाय को किया जा रहा है बदनाम।
14 जनवरी 2022: जामताड़ा की सड़कें कंगना रनौत की गाल से ज्यादा चिकनी बनेंगी।
15 मार्च 2022: अब भाजपा के अनुसार कोर्ट चल रहा है। ये अच्छी परंपरा नहीं है। (हिजाब पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के बाद)
27 अप्रैल 2022: सीपी सिंह बाहरी हैं। उन्हें नमाज पर आपत्ति है, तो झारखंड छोड़े दें। (झारखंड विधानसभा के नमाज कक्ष को लेकर)
15 जून 2022: पुलिस की गोली से मरने वालों को शहीद का दर्जा दे सरकार। पुलिस का काम लोगों की सुरक्षा करना, गोली चलाना नहीं है। (रांची मेन रोड उपद्रव पर)
19 जून 2022: देश होगा खून से लथपथ, किसी भी सूरत पर अग्निपथ स्वीकार नहीं। (अग्निपथ आंदोलन पर)
20 जून 2022: हां, मेरे बाप की जागीर है झारखंड। उनके अथक प्रयास और त्याग से राज्य का निर्माण हुआ। असदुद्दीन ओवैसी है भाजपा का एजेंट।
11 जुलाई 2022: जामताड़ा है ज्ञान का स्थल? चंद मिनटों में यहां के युवक लोगों के बैंक खाते से उड़ा देते हैं पैसे।
22 जुलाई 2022: कंस ने भी दूध-दही और मक्खन पर टैक्स लगाया था। उसके बाद कंस का क्या हुआ, सबको पता है। (दूध-दही पर जीएसटी लगाये जाने के बाद पीएम मोदी पर)
27 जुलाई 2022: उर्दू या हिंदी किसी की जागीर नहीं। पिछले 18 साल में स्कूल से उर्दू नहीं हटा। पुरानी व्यवस्था से की छेड़छाड़, तो गंभीर परिणाम।

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