इस्लामाबाद। पाक अधिकृत कश्मीर (POK) में बढ़ते विरोध प्रदर्शनों की लपटें अब पाकिस्तान के अन्य शहरों तक पहुँच चुकी हैं। कराची और इस्लामाबाद जैसे बड़े शहरों में भी जनता सड़कों पर उतर आई है। कराची में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने विरोध मार्च निकाला, वहीं इस्लामाबाद के नेशनल प्रेस क्लब पर पुलिस ने धावा बोलकर वकीलों और पत्रकारों को निशाना बनाया। पीओके में हाल ही में हुई पुलिस फायरिंग में कम से कम 12 नागरिकों की मौत के बाद यह जनाक्रोश और भड़क उठा।
आवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेता शौकत नवाज मीर ने पाक सरकार और सेना पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपने ही नागरिकों को मार रही है और उनकी आवाज दबाई जा रही है। प्रेस क्लब पर हुए पुलिस हमले में कई पत्रकारों को भी पीटा गया और कैमरे व उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हालात की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने POK के लि ए एक उच्चस्तरीय वार्ताकार समिति का गठन किया है, जिसमें कई वरिष्ठ मंत्री और नेता शामिल हैं।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगों में शरणार्थियों की 12 विधानसभा सीटों को खत्म करना और नेताओं के विशेषाधिकार समाप्त करना शामिल है। यह आंदोलन अब सिर्फ स्थानीय मुद्दों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह पाकिस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ एक राष्ट्रीय असंतोष का रूप ले चुका है।