नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने देशभर में साइबर अपराधों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन चक्र-V के तहत एचपीजेड क्रिप्टोकरेंसी टोकन धोखाधड़ी मामले में सात जगहों पर छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।

सीबीआइ के अनुसार, तीन अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद और बेंगलुरु में सात स्थानों पर छापेमारी कर आपत्तिजनक डिजिटल सबूत और वित्तीय दस्तावेज जब्त किए गए। यह मामला 2021 से 2023 तक देश में सक्रिय रहे विदेशी मास्टरमाइंड्स द्वारा भारतीय नागरिकों के साथ मिलकर रची गई एक संगठित आपराधिक साजिश से जुड़ा है।

सीबीआइ जांच में सामने आया कि इस अवधि के दौरान ऋण, नौकरी, निवेश और क्रिप्टोकरेंसी योजनाओं के नाम पर आम नागरिकों को ठगा गया। धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए देश में कई फर्जी कंपनियां बनाई गईं, जिनका इस्तेमाल म्यूल बैंक खातों (ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले मुखौटे खाते) को संचालित करने और ठगे गए धन को इकट्ठा करने के लिए किया गया। यह राशि बाद में क्रिप्टोकरेंसी में देश के बाहर भेज दी गई।

सीबीआइ के अनुसार, इन फर्जी कंपनियों को विभिन्न फिनटेक और भुगतान एग्रीगेटर प्लेटफ़ॉर्म्स पर पंजीकृत कर, सार्वजनिक धन को एकत्रित और स्थानांतरित करने के लिए इस्तेमाल किया गया। इन संस्थाओं का उपयोग सीमापार अपराध की आय को छिपाने और वैध दिखाने के लिए किया गया।

एजेंसी ने पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर सक्षम अदालत में पेश किया। वहीं, अन्य संलिप्त व्यक्तियों, कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की पहचान के लिए जांच अभी जारी है। सीबीआइ ने बताया कि वह साइबर-सक्षम वित्तीय अपराधों से निपटने के लिए खुफिया जानकारी, अंतर-एजेंसी समन्वय और डिजिटल फोरेंसिक तकनीक का इस्तेमाल जारी रखेगी।

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