पश्चिमी सिंहभूम। झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की चार सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को जिले का भ्रमण कर बाल हित से जुड़े कार्यों और संस्थानों का निरीक्षण किया। टीम में विकास दोदराजका, रूचि कुजूर, डॉ आभा वीरेंद्र अकिंचन और मिन्हाजुल हक शामिल थे।

भ्रमण के दौरान सबसे पहले टीम ने चक्रधरपुर अनुमंडल में सीकेपी रेल मंडल कार्यालय और रेलवे स्टेशन स्थित चाइल्ड हेल्पलाइन का निरीक्षण किया। इस मौके पर चक्रधरपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी कंचन मुखर्जी, अनुमंडल चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अश्विनी कुमार, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनिता तिवारी, बीईओ, चाइल्ड लाइन के कन्हैया पांडेय और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।

इसके बाद टीम ने चाईबासा संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया। इस दौरान एसडीओ सदर संदीप अनुराग टोप्पो, डीएसपी (मुख्यालय) शिवेंद्र, सदर बीडीओ अमिताभ भगत, चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जगन्नाथ हेम्ब्रम, बाल चिकित्सक डॉ संदीप बोदरा, सीडब्ल्यूसी के मो शमीम, चाइल्ड लाइन, संप्रेक्षण गृह के शिक्षक व पदाधिकारी मौजूद रहे। आयोग के सदस्यों ने संप्रेक्षण गृह में आवासित किशोरों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने खुद भोजन चखकर उसकी गुणवत्ता की जांच की और पानी, शयन कक्ष, बाथरूम की सफाई, खेल सामग्री, मनोरंजन की व्यवस्था और सुरक्षा संबंधी इंतजामों को परखा।

इसके अलावा आयोग के सदस्यों ने देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले बच्चों के लिए संचालित आश्रय गृह बाल कुंज और छाया बालिका गृह का भी निरीक्षण किया और बच्चों से मुलाकात की। वहीं जिले में स्थापित आशा किरण मूक-बधिर विशेष विद्यालय और प्रेरणा विशेष विद्यालय का भी दौरा कर वहां मिल रही सुविधाओं और योजनाओं की स्थिति का आकलन किया।

आयोग ने निरीक्षण के दौरान संबंधित पदाधिकारियों को कई जरूरी निर्देश दिया और कहा कि बाल संरक्षण एवं शिक्षा से जुड़े संस्थानों में दी जा रही सुविधाओं में और सुधार के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

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