नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर देश की संप्रभुता के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया है। भाजपा के प्रवक्त गौरव भाटिया ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में कहा कि एक साक्षात्कार में पी. चिदंबरम ने कहा था कि मुंबई में 26/11 हमले के बाद पूरी दुनिया नई दिल्ली पर दबाव बना रही थी कि युद्ध न किया जाए और विदेश मंत्रालय की सलाह के बाद सरकार ने कार्रवाई को टाल दिया। संप्रभुता का पहला सबक यही है कि बाहरी ताकतें हमारे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करेंगी, लेकिन तत्कालीन कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार में मंत्री रहे पी. चिदंबरम ने कहा कि मनमोहन सरकार ने निर्णय लिया कि 26/11 के आतंकी हमले के बाद कोई आक्रमण या युद्ध नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले के दो-तीन दिन बाद अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट, ओडालिजा राइज भारत आईं और उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कहा कि कृपया इस पर प्रतिक्रिया न दें और मनमोहन सिंह की सरकार ने प्रतिक्रिया नहीं दी। मुंबई में हुए इस हमले में 175 लोगों की मौत हो गयी थी, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। कांग्रेस शासन के दौरान 26/11 के हमले के बाद जब भारत कड़ी प्रतिक्रिया का इंतज़ार कर रहा था, सोनिया गांधी वाशिंगटन से निर्देशों का इंतज़ार कर रही थीं। यह एक समझौतावादी और कमज़ोर कांग्रेस-यूपीए सरकार की विदेश नीति थी। आज चिदंबरम ख़ुद ये गंभीर खुलासे कर रहे हैं और मनीष तिवारी भी मानते हैं कि ये गहरी चिंता का विषय हैं।

भाटिया ने पूछा कि राहुल गांधी कहाँ हैं? उनकी प्राथमिकताएँ क्या हैं? भारत के साथ खड़े होने के बजाय, उसके ख़िलाफ़ साज़िशें रचना? उन्होंने कहा कि जब देश आतंकवादी हमलों का सामना कर रहा था, तत्कालीन गृहमंत्री शिवराज पाटिल दिन में तीन बार अपने सूट बदलने में व्यस्त थे। कांग्रेस सरकार के दौरान, उनकी प्राथमिकता यह नहीं थी कि भारत आतंकवाद का कड़ा जवाब कैसे दे, बल्कि यह थी कि इस पर एक फिल्म कैसे बनाई जाए। निर्देशक और निर्माता रेकी में व्यस्त थे।

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