रांची। ओरमांझी के चूटूपाली पंचायत अंतर्गत कुरुम तेतर टोली में गुरुवार को पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ सोहराई जतरा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि झारखंड लोक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) के केंद्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि सोहराई झारखंड का प्रसिद्ध लोकपर्व है। जो जीवन, उर्वरता और प्रकृति के चक्र का प्रतीक है। यह पर्व कृषि केंद्रित जीवनशैली को दर्शाता है। खासकर कृषि कार्य में उपयोगी बैल, भैंस, बकरी और भेड़ जैसे मवेशियों के प्रति कृतज्ञता और स्नेह व्यक्त करने का अवसर देता है। जिनकी मेहनत से खेती संभव होती है।
महतो ने कहा कि सोहराई प्रेम, एकजुटता और भाईचारे का प्रतीक है। इस अवसर पर ग्रामीणजन सोहराई गीत गाते, ढोल-नगाड़े बजाते हुए नाचते-गाते घर-घर जाकर जाहली करते हैं, जो सदियों पुरानी परंपरा है। उन्होंने बताया कि गोहाईल पूजा और बर्दखूंटा की रस्में मनुष्य और पशु के परस्पर प्रेम को दर्शाती हैं। वहीं इस पर्व में भाई द्वारा बहन के ससुराल गुड़-रोटी ले जाने की परंपरा भाई-बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक है। सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति ने आयोजन को भव्यता प्रदान की और पूरे क्षेत्र में पारंपरिक उल्लास का माहौल बना रहा।
कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समिति के अध्यक्ष सुनील महतो, सचिव रामकिशोर महतो, कोषाध्यक्ष रवींद्र महतो, उपाध्यक्ष रमेश महतो, तथा अन्य कार्यकारिणी सदस्यों रोहित महतो, खिलेश्वर महतो, दिनेश महतो, जयनाथ महतो सहित अन्य लोग मौजूद थे।