पूर्वी सिंहभूम। जिले की राजनीति शुक्रवार को उस समय पूरे उफान पर आ गई, जब घाटशिला (अजजा) विधानसभा उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। घाटशिला अनुमंडल कार्यालय स्थित निर्वाची पदाधिकारी के समक्ष उन्होंने औपचारिक रूप से पर्चा भरा। इस अवसर पर भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों का जनसैलाब उमड़ पड़ा, जिससे पूरा क्षेत्र चुनावी जोश में सराबोर हो गया।

नामांकन के दौरान राज्य और क्षेत्रीय राजनीति के कई दिग्गज नेता बाबूलाल सोरेन के समर्थन में एकजुट नजर आए। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, आजसू पार्टी के सुप्रीमो सुदेश महतो, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष आदित्य साहू, जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के विधायक सरयू राय और पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस मौजूद थे। नेताओं ने एक स्वर में दावा किया कि इस बार घाटशिला की जनता बदलाव का मन बना चुकी है और भाजपा प्रत्याशी को भारी बहुमत से विजयी बनाएगी।

उल्लेखनीय है कि घाटशिला विधानसभा सीट पूर्व शिक्षा मंत्री और झामुमो विधायक रामदास सोरेन के निधन के कारण खाली हुई है। भाजपा ने एक बार फिर बाबूलाल सोरेन पर भरोसा जताते हुए उन्हें मैदान में उतारा है। दिलचस्प बात यह है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने भी इस बार रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश सोरेन को प्रत्याशी बनाया है। ऐसे में मुकाबला सोरेन बनाम सोरेन हो गया है, जिससे यह उपचुनाव राज्य की राजनीति का केंद्र बन गया है।

नामांकन दाखिल करने के बाद बाबूलाल सोरेन ने मीडिया से कहा कि जनता हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार से पूरी तरह निराश है और इस उपचुनाव में घाटशिला की जनता इसका जवाब देगी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के विकास, शिक्षा, रोजगार और मूलभूत सुविधाओं के लिए वे लगातार संघर्ष करते आए हैं और जनता अब बदलाव चाहती है।

घाटशिला उपचुनाव में भाजपा ने जहां संगठन की पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं झामुमो अपने परंपरागत वोट बैंक को बचाने की कोशिश में जुटा है। दोनों दलों के बीच यह मुकाबला न सिर्फ स्थानीय, बल्कि राज्यस्तरीय सियासी संदेश देने वाला साबित हो सकता है। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी।

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