नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को भारतीय नौसेना को हिंद महासागर के ‘गार्जियन’ की संज्ञा दी और आईएनएस विक्रांत से कहा कि हमारा लक्ष्य भारत को दुनिया के सबसे बड़े रक्षा निर्यातक देशों में शामिल करना है।

प्रधानमंत्री मोदी दीपावली के अवसर पर गोवा में आईएनएस विक्रांत पर नौ सैनिकों का साहस बढ़ाने पहुंचे। इस अवसर पर उन्हें संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले एक दशक में हमारी सेनाएं तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। हमारी सेना ने हजारों ऐसे सामानों की सूची बनाई है जिन्हें अब बाहर से नहीं मंगाया जाएगा ।

प्रधानमंत्री मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का उल्लेख करते हुए तीनों सेनाओं के जबरदस्त समन्वय की प्रशंसा की और कहा कि इसके चलते पाकिस्तान को घुटने टेकने पड़े। प्रधानमंत्री ने कहा भारतीय नौसेना के पैदा किए भय, भारती वायु सेवा के अद्भुत कौशल और भारतीय सेना की जाबाजी के समन्वय जबरदस्त समन्वय ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान को इतनी जल्दी घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

प्रधानमंत्री ने आईएनएस विक्रांत को आत्मनिर्भर भारत का शीर्ष स्तंभ बताया और कहा कि महासागर को जीता हुआ स्वदेशी आईएनएस विक्रांत भारत की सैन्य क्षमता का प्रतिबिंब है । उन्होंने कहा, “विक्रांत विशाल है, विराट है, विहंगम, विशिष्ट है, विशेष है। यह 21वीं सदी में भारत के परिश्रम, प्रतिभा, प्रभाव और प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”

उन्होंने कहा कि जिस दिन देश को स्वदेशी आईएनएस विक्रांत मिला था, उसी दिन भारतीय नौसेना ने गुलामी के एक बड़े प्रतीक चिन्ह का त्याग कर दिया था। हमारी नेवी ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया था। देश की सेना को अपना परिवार बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह हर बार की तरह इस बार भी अपने परिजनों के साथ दीपावली मनाने आए हैं। उन्होंने कहा, “मुझे भी अपने परिवारजनों के बीच दिवाली मनाने की आदत पड़ गई है। इसलिए मैं आप सब परिजनों के बीच दिवाली मनाने चला आता हूं।”

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