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    Home»बिजनेस»ग्लोबल संकेतों से गुलजार हुआ भारतीय शेयर बाजार..!
    बिजनेस

    ग्लोबल संकेतों से गुलजार हुआ भारतीय शेयर बाजार..!

    आजाद सिपाहीBy आजाद सिपाहीNovember 25, 2017No Comments3 Mins Read
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    मुंबई: बीते सप्ताह शेयर बाजार मजबूती के साथ बंद हुए, जिसमें घरेलू कारकों के साथ ही वैश्विक संकेतों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। बाजार के दो प्रमुख बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी कारोबारी सप्ताह के पांचों दिन तेजी के साथ बंद हुए। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 336.44 अंकों या एक फीसदी तेजी के साथ 33,679.24 अंकों पर और निफ्टी 106.10 अंकों या 1.03 फीसदी तेजी के साथ 10,389.70 पर बंद हुआ। इस दौरान बीएसई में मिडकैप सूचकांक में 1.56 फीसदी तथा स्मॉलकैप सूचकांक में 2.38 फीसदी की तेजी दर्ज की गई।

    सोमवार को बाजार में मिलाजुला रुख रहा और सेंसेक्स 17.10 अंकों या 0.05 फीसदी तेजी के साथ 33,359.90 पर बंद हुआ। मंगलवार को प्रमुख सूचकांकों में अच्छी तेजी दर्ज की गई और सेंसेक्स 118.45 अंकों या 0.36 फीसदी तेजी के साथ 33,478.35 पर बंद हुआ। बुधवार को सेंसेक्स 83.20 अंकों या 0.25 फीसदी तेजी के साथ 33,561.55 पर बंद हुआ। शुक्रवार को एक बार फिर बाजार में तेजी दर्ज की गई और सेंसेक्स 91.16 अंकों या 0.27 फीसदी तेजी के साथ 33,679.24 पर बंद हुआ।

    बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में प्रमुख रहे -रिलायंस इंडस्ट्रीज (4.38 फीसदी), इंफोसिस (4.02 फीसदी), सिप्ला (1.2 फीसदी) और भारती एयरटेल (0.56 फीसदी)।

    सेंसेक्स के गिरावट वाले शेयरों में प्रमुख रहे -लार्सन एंड टूब्रो (0.41 फीसदी), विप्रो (0.75 फीसदी), टीसीएस (0.79 फीसदी) और डॉ. रेड्डी (1.13 फीसदी)।

    व्यापक आर्थिक आंकड़ों के मोर्चे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को दिवाला और दिवालियापन संहिता में बदलाव लाने वाले अध्यादेश को मंजूरी दे दी। इससे कर्ज नहीं चुकाने वाली कंपनियों/व्यक्तियों को तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए बोली लगाने से रोका जा सकेगा।

    दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) को कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा लागू किया जा रहा है, जो 2016 के दिसंबर से प्रभावी है और समयबद्ध दिवालिया समाधान प्रक्रिया प्रदान करता है। प्रस्तावित बदलावों से तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए खरीदारों का चयन करने की प्रक्रिया को सरल बनाने में मदद मिलेगी।

    इस दौरान संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने शुक्रवार को कहा कि संसद का विलंबित शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से शुरू होगा और पांच जनवरी तक चलेगा। केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने शुक्रवार को संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) की बैठक के बाद कहा, “संसद का शीतकालीन सत्र 15 दिसंबर से पांच जनवरी तक चलेगा। इस दौरान 22 दिनों में 14 बैठकें होंगी।”

    उन्होंने बताया कि संसद की कार्यवाही क्रिसमस के मौके पर 25 और 26 दिसंबर को नहीं होगी।

    वैश्विक मोर्चे पर, अमेरिका के फेडरल रिजर्व के मिनट्स से संकेत मिलता है कि ब्याज दरों में वृद्धि संभावित है। फेड का विचार है कि ‘निकट अवधि’ में ब्याज दरों में वृद्धि संभव है, लेकिन केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने लगातार कम मुद्रास्फीति को लेकर भी चिंता जताई।

    अक्टूबर में अमेरिका के उपभोक्ता टिकाऊं वस्तु ऑर्डरों में 1.2 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। वहीं, 18 नवंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान अमेरिका के बेरोजगारी दावों में 13,000 की गिरावट आई और यह 2,39,000 रहा। उपभोक्ता भावना को लेकर जारी मिशिगन विश्वविद्यालय के नवीनतम अनुमान में इसे 98.5 बताया गया है, जो उम्मीद से बेहतर है।

    जर्मनी की अर्थव्यवस्था में साल की तीसरी तिमाही में रफ्तार वापस लौटती दिखी, जिसमें कॉरपोरेट निवेशों का विशेष योगदान रहा। जर्मनी के सकल घरेलू उत्पाद में तिमाही-दर-तिमाही आधार पर 0.8 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।

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