झारखंड विधानसभा की 17वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल से लेकर स्पीकर तक और मुख्यमंत्री से लेकर संसदीय कार्य मंत्री तक ने सदन की गरिमा बनाने को लेकर अपनी सलाह दी. सभी लोगों ने पक्ष और विपक्ष को साथ मिलकर चलने की सलाह देते हुए सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की.
राज्य गठन से लेकर अबतक झारखंड विधानसभा के विधायी कार्य प्रशंसनीय रहे हैं. एक दो अपवाद को छोड़ दिया जाए तो विधानसभा के अंदर जनमानस के मुद्दों पर गंभीर विचार-विमर्श किए गए हैं. झारखंड विधानसभा की 17वीं वर्षगांठ के अवसर पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड विधानसभा को आदर्श रूप में स्थापित करने में सभी सदस्यों की सक्रिय भूमिका होनी चाहिए. स्पीकर दिनेश उरांव ने कहा कि सदन के सदस्यों से शालीन व्यवहार की आशा की जाती है. राज्यभर के लोगों की निगाहें जनप्रतिनिधियों पर है.
झारखंड विधानसभा की वर्षगांठ के अवसर पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि सदन के अंदर विधायी कार्य कुशलतापूर्वक चले इसके लिए विपक्ष का सहयोग आवश्यक है. नेता प्रतिपक्ष की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सीएम ने कहा कि लोकतंत्र की सफलता के लिए विपक्ष का होना नितांत आवश्यक है. उत्कृष्ट विधायक के तौर पर सम्मानित विधायक विमला प्रधान ने कहा कि सदन के अंदर और बाहर सदस्यों का काफी सहयोग मिला. लिहाजा वह इसके लिए सभी का आभारी हैं.
वैसे विधानसभा की 17वीं वर्षगांठ में प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन की ग़ैर मौजूदगी कई सवाल खड़े करती है. इतना ही नहीं समारोह में पक्ष और विपक्ष के कई विधायकों की अनुपस्थिति भी कई प्रश्नों को जन्म देती है. संसदयी लोकतंत्र में सदन की गरिमा बनी रहे इसके लिए पक्ष-विपक्ष के सदस्यों को मिलकर काम करने की ज़रूरत है.