विधानसभा के छोटे शीतकालीन सत्र को लेकर झारखंड में सियासी घमासान शुरू हो गया है. कांग्रेस और जेवीएम ने इसको लेकर सवाल खड़े किए हैं और सरकार को सड़क पर घेरने की योजना बना ली है.

विपक्ष का कहना है कि सरकार ने जानबूझकर शीतकालीन सत्र को छोटा किया है, ताकि उसे जनता से जुड़े सवालों का जवाब नहीं देना पड़े. विपक्ष का मानना है कि शीतकालीन सत्र कम से कम 15 दिनों का होना चाहिए और ये सत्र महज एक औपचारिकता भर है.

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आगामी 12 दिसम्बर से शुरू होगा, जो 15 दिसम्बर तक चलेगा. पहले दिन की औपचारिकता को छोड़ दें, तो सदन में मुख्यरूप से तीन दिन ही काम हो पाएंगे.

मंत्री सीपी सिंह का कहना है कि सरकार सदन चलाना चाहती है. लेकिन पिछला अनुभव बताता है कि लंबे सत्रों में विपक्ष ने सिवाय हंगामे और प्रदर्शन के कुछ नहीं किया और सदन को बाधित किया जाता रहा. उनका निशाना खासकर जेएमएम की ओर था.मंत्री नीरा यादव के मुताबिक सत्र छोटा होने के बावजूद इस दौरान जनहित के कई मुद्दों पर काम किये जा सकते हैं.

बहरहाल सत्ता पक्ष और विपक्ष के तेवर से ये तय लग रहा है कि शीतकालीन सत्र में सबकुछ गर्म रहने वाला है.

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