बॉलीवुड और दक्षिण भारत की फिल्मों के लोकप्रिय अभिनेता कमल हासन इन दिनों अपने बयान को लेकर चर्चा में है। इस बार हासन ने दक्षिणपंथी विचारधारा को मानने वाले संगठनों पर निशाना साधा है। हालांकि उन्होंने अभी तक अपने राजनीति में प्रवेश को लेकर कुछ भी पुष्टि नहीं की है। हासन ने कहा है कि पहले हिन्दू दक्षिणपंथी संगठन हिंसक घटनाओं से परहेज करते थे, लेकिन अब परिस्थितियां बिल्कुल इसके विपरीत हैं।
कमल हासन ने एक तमिल साप्ताहिक पत्रिका आनंदा विकटन में लिखे लेख में ये बाते कही हैं। उन्होंने लिखा है कि पहले हिंदू दक्षिणपंथी संगठन हिंसा में शामिल नहीं होते थे, वे लोग विरोधी पार्टियों से बातचीत से रास्ता निकाला करते थे लेकिन अब सब बदल गया है और बल का इस्तेमाल किया जा रहा है।
हासन ने आगे कहा कि दक्षिणपंथियों को अगर ‘हिंदू आतंकवादी’ की संज्ञा दी जाए तो यह गलत नहीं होगा। हासन ने आगे कहा कि ऐसी आतंकी गतिविधियों ने संगठनों को कोई फायदा नहीं होने वाला है। उन्होंने ये भी लिखा है कि लोगों की सत्यमेव जयते में आस्था खत्म हो चुकी है। और इसके स्थान पर अब वे जिसकी लाठी, उसकी भैंस’ में विश्वास करने लगे हैं>
दरअसल, हाल ही में केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कमल हसन से उन हालिया घटनाओं के बारे में विचार व्यक्त करने के लिए कहा था, जिन्हें विजयन ने स्वयं ‘संप्रदायवाद’ की संज्ञा देते हुए कहा था कि वे शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की तमिल द्रविड़ परम्परा को नष्ट कर रही हैं।
तमिलनाडु में सत्तासीन AIADMK पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाने वाले 62-वर्षीय एक्टरने सितंबर में पिनारायी विजयन से मुलाकात की थी, और BJP से संबंध नहीं जोड़ने के संकेत देते हुए कहा था, “भगवा मेरा रंग नहीं हो सकता। हासन ने लेख में केरल सरकार की तारीफ की है। उनके इस बयान से हिन्दुवादी संगठनों में भारी उबाल है।
हासन के चाहने वालों को सात नवंबर का इंतजार है क्योंकि उस दिन उनका जन्मदिन होता है और वह राजनीति में आने पर बड़ा फैसला ले सकते हैं। इससे पहले कई मौकों पर हासन के राजनीति में आने पर कयास लगाए गए।
उन्होंने तमिल पत्रिका ‘आनंद विकटन’ की अपनी साप्ताहिक श्रृंखला के एक अंक में ‘तैयार रहें… सब कुछ सात नवंबर को बताउंगा’ शीर्षक से लिखे अपने लेख में कहा था कि अगले महीने वह अपने जन्मदिन के अवसर पर ‘संपर्क की रणनीति’ आजमाएंगे।