पटना। बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव पर कालेधन को सफेद बनाने के लिए राज्य के महत्वपूर्ण सहकारी बैंकों में से एक आवामी को-ऑपरेटिव बैंक का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुये आज कहा कि उन्होंने लगातार ऐसी ‘सेवा’ हासिल करने के लिए ही बैंक के अध्यक्ष अनवर अहमद को राज्यपाल कोटे से विधान पार्षद बनाया था।

मोदी ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” यादव ने अहमद के इस बैंक का इस्तेमाल अपने परिवार के सदस्यों के साथ ही पार्टी के लोगों के कालेधन को सफेद बनाने, बेनामी संपत्ति खरीदने, ऋण प्राप्त करने और नोटबंदी लागू होने के बाद राजद नेताओं के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को नये नोटों से बदलने के लिए किया।

” उन्होंने कहा कि यादव को हमेशा ऐसी सेवा मिलती रहे उसके एवज में ही अहमद को राज्यपाल कोटे से विधान परिषद् का सदस्य बनाया गया था।

उप मुख्यमंत्री ने यादव और अहमद के बीच घनिष्ठ संबंधों की चर्चा करते हुये कहा कि अहमद का प्रवेश राजद अध्यक्ष के रसोईघर तक था और वह लंबे समय तक उनके घर में खाना बनाते रहे थे। इस कारण ही उन्हें यादव का ‘कबाब मंत्री’ भी कहा जाता था। उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं राजद अध्यक्ष बैंक के सैकड़ों कार्यक्रमों में शरीक भी होते रहे हैं।

मोदी ने कहा कि बैंक में यादव तथा उनकी पत्नी और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के खाते हैं, जो अभी भी चालू है। राजद अध्यक्ष के खाते में जहां 58 लाख रुपये वहीं उनकी पत्नी के खाते में 15.62 लाख रुपये जमा हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि राबड़ी देवी के 18 फ्लैट जिस अरविंद यादव की जमीन पर बने हैं, उस परिवार को 12 लाख 86 हजार रुपये का भुगतान भी आवामी को-आॅपरेटिव बैंक के नाम से निर्गत 2.45 लाख रुपये के पांच अलग-अलग चेक के माध्यम से किया गया है। उन्होंने कहा कि लालू परिवार ने इसके अलावा जमीन खरीदने के अनेक मामलों में भी इसी बैंक के माध्यम से संदिग्ध राशि का भुगतान दिखाया है।

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