रांची। झारखंड सरकार ने किसानों को दिवाली का गिफ्ट दिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान अधिप्राप्ति करने हेतु ‘धान अधिप्राप्ति योजना’ के स्वरूप को शनिवार को मंजूरी दी। अब इसे मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा। सीएम ने धान की सरकारी खरीद पर दिये जानेवाले बोनस की रकम को बढ़ा कर 182 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। झारखंड बनने के बाद से यह अधिकतम है। इससे पहले अधिकतम बोनस 150 रुपये प्रति क्विंटल दिया गया था।
बता दें कि भारत सरकार ने इस साल के लिए साधारण किस्म के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1868 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड-ए धान का 1888 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। अब झारखंड के किसानों को एक क्विंटल साधारण धान बेचने पर 2050 रुपये मिलेंगे, जबकि ग्रेड ए के धान पर 2070 रुपये मिलेंगे।
धान अधिप्राप्ति केंद्र संचालित किये जायेंगे
नयी योजना के अनुसार झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा आवश्यकतानुसार पंजीकृत किसानों की संख्या एवं प्रखंड से दूरी को दृष्टिगत रखते हुए पर्याप्त संख्या में धान अधिप्राप्ति केंद्र संचालित किये जायेंगे। जिलावार अधिप्राप्ति केंद्रों की संख्या का निर्धारण झारखंड राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड द्वारा खाद्य, सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग से सहमति प्राप्त करते हुए किया जायेगा।
25 मीट्रिक टन से अधिक प्याज रखने पर पाबंदी
प्याज की बढ़ती कीमत से लोगों को राहत दिलाने और जमाखोरी रोकने के लिए झारखंड सरकार ने शनिवार को बड़ा फैसला किया। इसके अनुसार राज्य में अब प्याज का अधिकतम 25 मीट्रिक टन स्टोर किया जा सकेगा। खाद्य, सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग ने प्याज भंडारण के लिए यह सीमा निर्धारित की है। थोक विके्रताओं के लिए यह सीमा 25 मीट्रिक टन और खुदरा विक्रेताओं के लिए दो मीट्रिक टन होगी। भंडारण सीमा 31 दिसंबर तक के लिए मान्य होगी।