रांची। आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री हरिनारायण राय, उनकी पत्नी सुशीला देवी, भाई संजय कुमार राय की क्रिमिनल अपील पर झारखंड हाइकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए उनकी सजा को कंफर्म किया है। हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति एके चौधरी की कोर्ट ने इन तीनों सजायाफ्ता की अपील को खारिज करते हुए सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश द्वारा सुनायी गयी सजा को बरकरार रखा है। साथ ही कोर्ट ने इन्हें निचली अदालत में सरेंडर करने का भी निर्देश दिया है। इसके खिलाफ अब हरिनारायण राय सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेंगे। कोर्ट ने पूर्व में दोनों पक्षों की दलील पूरा होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। भ्रष्टाचार मामले में हरिनारायण राय पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा मंत्रिमंडल के पहले मंत्री हैं, जिनकी सजा हाइकोर्ट से कंफर्म हुई है।
सीबीआइ की विशेष अदालत ने 14 नवंबर 2016 को आय से अधिक संपत्ति मामले में पूर्व मंत्री हरिनाराण राय, उनकी पत्नी सुशीला देवी और भाई संजय राय को पांच-पांच साल की सजा सुनायी थी। साथ ही इन तीनों पर 50-50 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया था। सीबीआइ ने हरिनारायण राय पर वर्ष 2005 से वर्ष 2009 तक एक करोड़ 46 लाख 25 हजार रुपये आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था। हरिनारायण राय के अधिवक्ता एके रसीदी ने बताया कि हाइकोर्ट के फैसले और निर्देश को वे जल्द सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती देंगे। बता दें कि आय से अधिक संपत्ति मामले में हरिनारायण राय के खिलाफ सबसे पहले 26 जनवरी 2008 को विजिलेंस ब्यूरो (अब एसीबी) में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। बाद में हाइकोर्ट के आदेश पर अगस्त 2010 को सीबीआइ ने प्राथमिकी दर्ज की थी। वर्ष 2012 में सीबीआइ ने उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। हालांकि 4.33 करोड़ रुपये मनी लांड्रिंग मामले में भी हरिनारायण राय, सुशीला देवी और संजय कुमार राय को इडी कोर्ट ने जनवरी 2017 में सात साल की सजा सुनायी थी। बीते झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान हरिनारायण राय ने सजा पर रोक लगाने और विधानसभा चुनाव में लड़ने की अनुमति देने का आग्रह किया था। उनकी इस याचिका को हाइकोर्ट ने खारिज कर दिया था।