जावेद अख्तर
दुमका (आजाद सिपाही)। चुनाव प्रचार के आखिरी दौर में शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर चुन-चुन कर प्रहार किया। इतना ही नहीं, उन्होंने झारखंड के हित की बात भी कही और अपनी सरकार के काम का हिसाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयला हमारा और बिजली बांग्लादेश को, यह नहीं होने दिया जायेगा। उनका इशारा गोड्डा में बन रहे अडाणी के बिजली संयंत्र की ओर था। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि गुजरात और छत्तीसगढ़ के नेताओं को वापस जाना पड़ेगा। झारखंड पर झारखंडी जनता ही शासन करेगी। सीएम हेमंत सोरेन ने गोलबंदा, बुमरो और मसलिया में कई जनसभाओं को संबोधित किया।
आदिवासी विरोधी काम कर रही थी पूर्व की सरकार
हेमंत सोरेन ने कहा कि भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार आदिवासी विरोधी काम कर रही थी। अपने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए सीएनटी-एसपीटी एक्ट को खत्म करना चाहती थी। झामुमो के प्रबल विरोध के बाद राज्य सरकार को अपना आदेश वापस लेना पड़ा था। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासियों की जमीन व्यापारियों को देना चाहती थी।
आदिवासियों को सरना कोड पर ठगा गया
हेमंत ने कहा कि सरना कोड को लेकर भाजपा की सरकारों ने लोगों को ठगा है, लेकिन इस बार की जनगणना में राज्य सरकार यहां के आदिवासी समाज के हित में सरना धर्म कोड लागू करने के लिए ठोस पहल करेगी।
केंद्र पर भी साधा निशाना
हेमंत ने कहा कि राज्य सरकार लगातार राज्य के विकास के लिए कदम बढ़ा रही है, लेकिन केंद्र सरकार से जो सहयोग मिलना चाहिए, वह नहीं मिल रहा है। केंद्र की सरकार निजीकरण पर जोर देकर बड़े घरानों को लाभ पहुंचाने का काम कर रही है। ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा इसका विरोध करेगा। दुमका के प्रत्याशी बसंत सोरेन ने भी सभा को संबोधित किया। इसके पहले कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि झारखंड में गठबंधन की मजबूत सरकार तेजी से कम कर रही है। संताल के विकास के लिए सभी मिलकर काम करेंगे।
भाजपा का चेहरा तीन माह में बदल जायेगा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रविवार को मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि अगले तीन महीने में भाजपा का चेहरा बदल जायेगा। उन्होंने यह बात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष द्वारा तीन महीने में भाजपा की सरकार बनने का दावा करने संबंधी बयान के संदर्भ में कही। हेमंत ने कहा कि बिहार से जो संकेत मिल रहे हैं, उसके अनुसार वहां से जदयू-भाजपा की विदाई तय है। झारखंड में भगवा पार्टी लगातार पिछड़ रही है। मध्यप्रदेश में भी उसकी हालत पतली है।

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