भारत ने कहा है कि अफगानिस्तान में स्थाई शांति के लिए आवश्यक है कि पाकिस्तान की ओर से सीमा पार आतंकवाद पर अंकुश लगाया जाए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस त्रिमूर्ति ने सुरक्षा परिषद में अफगानिस्तान के बारे में आयोजित बैठक में शुक्रवार को कहा कि डूरंड लाइन की दूसरी ओर से होने वाली आतंकी घटनाओं और वहां स्थित आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म किया जाना चाहिए। ऐसा होने पर ही अफगानिस्तान में स्थाई शांति संभव है।
उल्लेखनीय है कि डूरंड लाइन पाकिस्तान और अफगानिस्तान को अलग करती है।
भारतीय राजनयिक ने कहा कि हिंसा और शांति के प्रयास एक साथ नहीं चल सकते। भारत का आग्रह है कि अफगानिस्तान में व्यापक युद्ध विराम कायम किया जाए। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान का भविष्य आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में ही सुरक्षित है।
पाकिस्तान का नाम लिए बिना त्रिमूर्ति न ने कहा कि यह जरूरी है कि किसी भी देश को आतंकवादियों को पनाह देकर अफगानिस्तान की शांति व्यवस्था को भंग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। जो देश ऐसा करते हैं उन्हें जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
त्रिमूर्ति ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी यह स्वीकार नहीं कर सकती की पिछले दो दशकों के दौरान अफगानिस्तान में शांति और सामान्य स्थिति के लिए जो उपलब्धियां हासिल हुई हैं उन्हें गंवाया जाए। यह उपलब्धियां बहुत मुश्किल से हासिल की गई हैं। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा अफगानिस्तान चाहता है जिसमें सभी की सहभागिता हो और सभी की आशा अपेक्षाएं पूरी हो सके।
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निगरानी संस्था की ओर से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में अलकायदा और इस्लामिक स्टेट के आतंकी मौजूद हैं। देश में हिंसा को खत्म करने के लिए जरूरी है कि आतंकवादी संगठनों की आपूर्ति प्रणाली को ध्वस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और और आतंकवादियों को समर्थन देने के खिलाफ कार्रवाई की सुरक्षा परिषद के सदस्यों की ओर से ऐसी सामूहिक मांग की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के लोगों पर चार दशकों से युद्ध थोपा गया है और अब वहां के लोग शांति चाहते हैं ऐसे में वहां शांति और स्थिरता के लिए किए जाने वाले हर प्रयास का स्वागत किया जाना चाहिए।