रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस केपी देव की अदालत में आवास बोर्ड की ओर से एक ही प्लॉट दो लोगों को आवंटित करने के खिलाफ दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि दस साल पहले इस मामले में अदालत ने प्रार्थी को दूसरा प्लॉट आवंटित करने का आदेश दिया था। लेकिन अभी तक आदेश का अनुपालन नहीं किया गया है। इसके बाद अदालत ने आवास बोर्ड के लॉ ऑफिसर को निलंबित करने का आदेश राज्य सरकार को दिया है।

इस दौरान अदालत ने आवास बोर्ड की कार्यशैली पर कड़ी टिप्पणी की है। अदालत ने कहा कि यहां पर लोग कई सालों से जमे हुए हैं। सरकार का कोई मैकेनिज्म ठीक से नहीं कर रहा है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध में धनंजय कुमार सिंह ने याचिका दाखिल की है।

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