जयपुर । पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गद्दार कहने की घटना को राहुल गांधी ने ज्यादा तवज्जो नहीं देने के संकेत दिए हैं। राहुल गांधी ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों को साथ लेकर चलने के संकेत दिए हैं। राहुल गांधी के इस बयान के बाद कांग्रेस की अंदरूनी सियासत को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं। इस बयान को राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के आने से पहले ही दोनों नेताओं को साथ लाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने भी कहा था कि पार्टी को अशोक गहलोत और सचिन पायलट दोनों की जरूरत है।

इंदौर में राहुल गांधी से जब पायलट के गद्दारी करने को लेकर सवाल पूछा तो गया तो उन्होंने कहा कि मैं इस पर जाना नहीं चाहता हूं कि किसने क्या कहा? दोनों नेता पार्टी की सम्पत्ति हैं। मैं आपको एक बात की गारंटी दे सकता हूं कि इसका भारत जोड़ो यात्रा पर कोई असर नहीं होगा। भारत जोड़ो यात्रा पांच दिसंबर के आस-पास राजस्थान में प्रवेश कर रही है। यात्रा के राजस्थान आने से पहले ही राहुल गांधी ने यह बयान देकर इस बात के संकेत दे दिए हैं कि पार्टी अब इस मुद्दे को तूल नहीं देना चाहती। अब राहुल गांधी की यात्रा तक राजस्थान को लेकर कोई फैसला होने की उम्मीद नहीं है।

राहुल गांधी के बयान से यह माना जा रहा है कि राजस्थान को लेकर फिलहाल कांग्रेस फैसला नहीं करेगी। फिलहाल पार्टी ने राजस्थान की खींचतान को वेट एंड वॉच मोड पर डाल दिया है। टाइम टेकिंग स्ट्रेटजी के तहत अब इस पर बाद में फैसला होने के आसार हैं। इससे गहलोत और पायलट खेमे की खींचतान जस की तस रहने के आसार बनते दिख रहे हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिन पहले एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि पायलट ने गद्दारी की, इसलिए मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें कोई स्वीकार नहीं करेगा। उनके पास 10 विधायक भी नहीं हैं। गहलोत ने 25 सितंबर को विधायकों की बगावत को क्लीन चिट देते हुए कहा था कि 25 सितंबर को जो कुछ हुआ, वह पायलट के कारण हुआ, क्योंकि वे ऐसा व्यवहार करने लगे थे, जैसे दूसरे दिन शपथ लेने वाले हों।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा करीब 17 दिन तक राजस्थान में रहेगी। गहलोत के पायलट को गद्दार कहकर खुलकर निशाना साधने के बाद यह माना जा रहा था कि यात्रा पर इसका कोई असर होगा और इससे खींचतान बढ़ने के आसार दिख रहे थे। पहले जयराम रमेश ने गहलोत-पायलट दोनों को कांग्रेस के लिए जरूरी बताते हुए सीएम के शब्दों को अप्रत्याशित बताया। अब राहुल गांधी ने भी उसी लाइन पर बयान देकर दोनों नेताओं को साथ रखने की बात कही है। माना जा रहा है कि राजस्थान में राहुल की यात्रा में अशोक गहलोत और सचिन पायलट को सार्वजनिक रूप से गले मिलवा कर एकता का मैसेज दिया जा सकता है। पिछले विधानसभा चुनावों में भी राहुल गांधी ने दोनों को गले मिलवाकर एकता का मैसेज दिया था।

जयराम रमेश ने कल कहा था कि राजस्थान के मुद्दे पर मैंने तीन बार बयान दिए हैं। अब चौथी बार दोहरा रहा हूं। गहलोत हमारी पार्टी के वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं। सचिन पायलट हमारी पार्टी के युवा, लोकप्रिय और ऊर्जावान नेता हैं। दोनों की हमारी पार्टी को जरूरत हैं। कुछ मतभेद हैं। जो शब्द मुख्यमंत्री की ओर से इस्तेमाल किए गए, जो अप्रत्याशित थे। मुझे भी आश्चर्य हुआ।

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