आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने धरती आबा बिरसा मुंडा जयंती पर डोड़ेया, तमाड़ स्थित उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि हम सभी सौभाग्यशाली हैं, जो उलगुलान के महानायक धरती आबा बिरसा मुंडा की पावन धरती झारखंड में हमारा जन्म हुआ। आज का दिन हमें अपनी धरती के उन तमाम शख्सियतों को याद करने के साथ-साथ जल, जंगल, जमीन तथा आनेवाली पीढ़ियों को और सशक्त बनाने के लिए प्रेरित करता है।
धरती आबा के संघर्ष को समझने की जरूरत
जिस धरती आबा को सामने रख कर झारखंड का गठन किया गया, उसके पीछे के संघर्ष और उद्देश्य को समझने की जरूरत है। जिन विषयों को लेकर इतनी बड़ी शक्ति एकत्रित हुई, असंख्य कुर्बानियां दी गयी, इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी हम उन्हें स्थापित कर पाये या नहीं, बड़ी आबादी के मन के सवाल सुलझा पाये या नहीं, इसका मूल्यांकन जरूरी है। राज्य की आधी आबादी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। राज्य तथा केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के केंद्र बिंदु में हमेशा एक अदना गरीब परिवार होता है। लेकिन इन योजनाओं के कारण हम उस परिवार में कितना परिवर्तन लेकर आयें हैं, इसका मूल्यांकन ज्यादा जरूरी है। हमें विकास को व्यावसायिक नजरिये से नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों के आधार पर परिभाषित करने की जरूरत है तथा राज्य के नीति-निर्णयों में झारखंडी विचारधारा, यहां के जनमानस की भावनाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस दौरान उन्होंने वीर बिरसा जयंती समारोह सह त्रिदिवसीय मेला का भी उद्घाटन किया।
आजसू ने पूरे राज्य में मनायी बिरसा जयंती
आजसू पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने पूरे राज्य में धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित की तथा उनके विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया। आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदल कर नवीन सामाजिक और राजनीतिक युग का सूत्रपात करनेवाले धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा ने ना सिर्फ स्वतंत्रता आंदोलन में अपना बहुमूल्य योगदान दिया, बल्कि सामाजिक चेतना जागृत कर जल, जंगल और जमीन के लिए अपनी आवाज बुलंद की तथा शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। उनके विचार युगों-युगों तक अमिट रहेंगे।