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    Home»देश»रक्षा मंत्री 8-10 दिसंबर को रूस यात्रा पर, जंगी जहाज ‘तुशील’ को नौसेना में शामिल करेंगे 
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    रक्षा मंत्री 8-10 दिसंबर को रूस यात्रा पर, जंगी जहाज ‘तुशील’ को नौसेना में शामिल करेंगे 

    shivam kumarBy shivam kumarNovember 26, 2024No Comments3 Mins Read
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    इंडो-पैसिफिक में उभरती रणनीतिक चुनौतियों के बीच भारतीय नौसेना को बढ़ावा मिलेगा
    नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 8-10 दिसंबर को रूस यात्रा पर जाएंगे। मॉस्को और कैलिनिनग्राद का दौरा करके 9 दिसंबर को गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट आईएनएस तुशील को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल करेंगे। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे चार फ्रिगेट में से पहला होगा। इसके शामिल होने से इंडो-पैसिफिक में उभरती रणनीतिक चुनौतियों के बीच इससे भारत की नौसैनिक शक्ति को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। राजनाथ सिंह इस दौरान अपने रूसी समकक्ष एंड्री बेलौसोव के साथ बातचीत करेंगे।

    भारत ने रूस से चार गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट को लेकर 2016 में डील की थी। पहले दो फ्रिगेट की सीधी खरीद के लिए 1 बिलियन डॉलर का अनुबंध अंतिम रूप दिया गया था। इसके बाद नवंबर, 2018 में भारतीय साझेदारी के माध्यम से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) ने शेष दो जहाजों को घरेलू स्तर पर बनाने के लिए सामग्री, डिजाइन और तकनीकी सहायता के लिए रोसोबोरोनएक्सपोर्ट के साथ 500 मिलियन डॉलर का सौदा किया था। भारतीय रक्षा मंत्रालय और जीएसएल के बीच औपचारिक अनुबंध जनवरी, 2019 में हस्ताक्षरित किया गया था। अनुबंध के मुताबिक रूस दो फ्रिगेट आईएनएस तुशील और आईएनएस तमाला की आपूर्ति करेगा, जबकि अन्य दो का निर्माण रूस के तकनीकी सहयोग से भारत में किया जाएगा।

    आईएनएस तुशील तलवार क्लास का स्टील्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। इसे प्रोजेक्ट 11356 के नाम से भी जाना जाता है। इसे भारतीय नौसेना के लिए रूस ने डिजाइन और निर्मित किया है। तलवार क्लास के गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट का इस्तेमाल रूसी तटरक्षक बल करता है। तुशील सहित सभी चार फ्रिगेट में यूक्रेनी की कंपनी ज़ोर्या-मैशप्रोक्ट के इंजन लगाए गए हैं। जीएसएल के मुताबिक आईएनएस तुशील को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 9 दिसंबर को भारतीय नौसेना में शामिल करेंगे। यह युद्धपोत भारतीय नौसेना के लिए बनाए जा रहे चार फ्रिगेट में से पहला होगा।

    जंगी जहाज तुशील को दुश्मन के सतही जहाजों और पनडुब्बियों से निपटने के लिए हवाई लक्ष्यों को निशाना बनाने में सक्षम किया गया है। इस प्रकार के फ्रिगेट 100 मिमी ए-190 तोपखाने, मिसाइल और विमान-रोधी प्रणालियों, टारपीडो आयुध से लैस हैं। पनडुब्बी रोधी हेलीकॉप्टर उन पर आधारित हो सकते हैं। आईएनएस तुशील को भूरे और नीले पानी में पनडुब्बियों और युद्धपोतों से लड़ने और स्वतंत्र रूप से हवाई हमलों को नाकाम करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका डिजाइन और हथियार भारतीय नौसेना को बढ़ी हुई परिचालन क्षमताएं प्रदान करेंगे, जिससे कई तरह के खतरों का प्रभावी ढंग से जवाब दिया जा सकेगा।

    जीएसएल के मुताबिक जंगी जहाज आईएनएस तुशील का विस्थापन 3620 टन है। इनकी लंबाई 409.5 फीट, बीम 49.10 फीट और ड्रॉट 13.9 फीट है। ये समंदर में अधिकतम 59 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलते हैं। यह जंगी जहाज 18 अधिकारियों समेत 180 सैनिकों को लेकर 30 दिन तक समंदर में तैनात रह सकता है। उसके बाद इसमें रसद और ईंधन डलवाना पड़ता है। ये जंगी जहाज इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम से लैस है।

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