रांची: विधायक रामचंद्र सहिस और विकास कुमार मुंडा के नेतृत्व में आजसू का सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को राज्यपाल डॉ द्रौपदी मुर्मू से मिला। सीएनटी और एसपीटी एक्ट में प्रस्तावित संशोधनों से होनेवाली संवैधानिक विसंगतियों और आदिवासी-मूलवासियों पर भविष्य में इसके दुष्परिणाम से राज्यपाल को अवगत कराया। विधायकों ने बताया कि राज्यपाल ने कहा है कि अभी तक एक्ट से संबंधित आॅफिसियल कागजात नहीं मिला है। उन्होंने आश्वासन दिया कि जब यह विषय उनके समक्ष लाया जायेगा, तब वह इसके सभी संवैधानिक और कानूनी पहलू पर विचार करेंगी। राज्य की जनता के साथ अन्याय नहीं होगा। प्रतिनिधिमंडल में दोनों विधायकों के साथ डॉ देवशरण भगत, संजीव कुमार महतो, डोमन सिंह मुंडा, हसन अंसारी तथा जयंत घोष शामिल थे।
संवैधानिक नहीं है एक्ट में संशोधन : विकास मुंडा
सीनटी और एसपीटी एक्ट में संशोधन किसी भी दृष्टि से संवैधानिक नहीं है। संशोधन के दूरगामी परिणाम झेलने पड़ेंगे। इससे आदिवासी और मूलवासी का अस्तित्व खतरे में पड़ जायेगा। आजसू पार्टी ने ही सबसे पहले एक्ट में संशोधन का विरोध किया था। जनाधार का सम्मान नहीं किया गया, तो जनता निर्णय लेगी।
उन्होंने तीर-धनुष पर प्रतिबंध लगाने के सवाल पर कहा कि ऐसा करना ठीक नहीं है।
तीर-धनुष आदिवासियों की परंपरा और संस्कृति से जुड़ा है। वीर शहीदों ने इसी के बल पर अंग्रेजों से लोहा लिया था। सिख समाज जैसे कृपाण रखता है, उसी तरह राज्य के आदिवासी इसे सम्मान की दृष्टि से अपने पास रखते हैं। उन्होंने कहा कि एक्ट में संशोधन से आदिवासियों को हानि होगी।

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