रांची: मुख्यमंत्री रघुवर दास भले ही चीन नहीं जा सके, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में भी झारखंड के अधिकारियों ने चीनी निवेशकों को निवेश के लिए प्रोत्साहित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही कारण है कि मात्र तीन दिनों में ही चीनी उद्योग के कप्तानों ने यह जता दिया कि उनका अगला पड़ाव अब झारखंड ही होगा। इतना ही नहीं कई बड़ी चीनी कंपनियों ने अब तक इंफ्रास्ट्रक्चर, आॅटोमोबाइल, माइनिंग, निर्माण, इंजीनियरिंग और स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश की इच्छा जतायी है।

शुक्रवार को चीन की व्यावसायिक राजधानी शंघाई में रोड शो का आयोजन हुआ। इसमें मोमेंटम झारखंड का प्रदर्शन हुआ। मोमेंटम झारखंड के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न क्षेत्र की कॉरपोरेट ग्रुप के साथ बैठक कर झारखंड की विशेषताओं से उन्हें अवगत कराया। चाइना काउंसिल फॉर प्रमोशन आॅफ टेक्निकल ट्रेड के अध्यक्ष यांग जियारोंग से भी भारतीय दल ने मुलाकात की और झारखंड तथा चीन के बीच व्यावसायिक संबंध बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। जियारोंग ने आश्वस्त किया कि वह अवश्य झारखंड आयेंगे और यहां निवेश पर विचार करें। मौके पर अपर मुख्य सचिव आरके श्रीवास्तव ने निवेशकों को संबोधित करते हुए झारखंड की औद्योगिक नीति, निवेश नीति और यहां की खनिज संपदा तथा राज्य में व्यावसायिक सुविधाओं की जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव ऊर्जा आरके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में प्रतिनिधिमंडल ने चीन की कंपनी सैनडिस्क के मुख्यालय का भ्रमण किया। कंपनी के अधिकारियों के साथ झारखंड में निवेश पर चर्चा की गयी। सैनडिस्क मेमोरीकार्ड और पेन ड्राइव निर्माण के क्षेत्र की अव्वल कंपनी है। उद्योग और खान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने राज्य में मौजूद निवेश संभावनाओं पर विस्तार से बताया । सैनडिस्क की तरफ से भरोसा दिलाया गया कि भारत में कंपनी के विस्तार करने पर झारखंड में यूनिट स्थापना पर विचार किया जायेगा। राज्य में तमाम जरूरी औद्योगिक आधारभूत संरचना मौजूद है। रोड शो में चीन की प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि शामिल हुए। ग्लोबल इंवेस्टर समिट 2017 को सफल बनाने के लिए राज्य का प्रतिनिधिमंडल देश विदेश की प्रमुख शहरों का दौरा कर रही है।

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