रांची। शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में तेज गति से वाहन चलाने वाले मालवाहक, यात्री वाहन एवं निजी वाहन चालकों को अब महंगा पड़ सकता है। शहर के प्रवेश द्वार मानगो, सुंदरनगर, करनडीह, जुगसलाई व बिष्टुपुर में भारी मालवाहक वाहनों, यात्री वाहन, मालवाहक चार पहिया वाहन, निजी चार पहिया व दो पहिया वाहनों की अधिकतम रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय की जा रही है। इससे ज्यादा रफ्तार से वाहन चलाने वालों के खिलाफ परिवहन विभाग जुर्माना वसूलने के साथ स्थानीय थाना में आपराधिक मामला भी दर्ज करा सकता है।
गाइड लाइन जारी
नो इंट्री के दौरान शहर के किसी भी हिस्से में भारी मालवाहक वाहनों की रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा से ज्यादा होने पर उस वाहन चालक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। भीड़भाड़ वाले एनएच-एसएच पर भी यह नियम प्रभावी तरीके से लागू कराने की जिम्मेदारी हाई-वे पेट्रोलिंग को सौंपी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह गाइड लाइन जारी की है।
हादसों पर नियंत्रण के लिए किया गया
हादसों पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन की ओर से एक साथ कई स्तर पर प्रयास किया जायेगा। परिवहन विभाग के सचिव प्रवीण टोप्पो ने सरकार की ओर से सड़क दुर्घटना पर रोक लगाने के लिए किए जाने वाले कार्यों का विवरण देते हुए तत्काल इस दिशा में कार्य करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सभी राज्य सरकारों की सड़क दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए गाइड लाइन जारी की है। 15 जनवरी तक इस गाइड लाइन के आलोक में प्रशासन को व्यवस्था कर परिवहन विभाग को जानकारी देनी है ताकि विभाग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया जा सके। डीटीओ दिनेश कुमार रंजन ने बताया सुप्रीम कोर्ट के रोड सेफ्टी कमेटी के आदेश के आलोक में सड़क दुर्घटना रोकने के लिए प्रशासन की ओर से कई चरणों में काम किया जा रहा है। जिस स्थान पर ब्लैक स्पॉट चिह्नित किया गया है।
सुरक्षा के लिए ये किया गया इंतेजाम
जिस स्थान पर ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं होती हैं उन स्थानों पर एक किलोमीटर पहले से ही साइनेज बोर्ड लगाकर राहगीरों को सतर्क किया जायेगा।
दो पहिया वाहन की अधिकतम रफ्तार 60 किलोमीटर प्रति घंटा व रिहायशी क्षेत्र में 40 किलोमीटर प्रति घंटा तय की जायेगी।
हाई-वे पेट्रोलिंग वाले पुलिसकर्मियों को ओवर स्पीड, शराब पीकर वाहन का परिचालन, सीटबेल्ट एवं हेलमेट की जांच एवं जुर्माना का अधिकार दिया जायेगा।
तेज गति में चलने वाले वाहनों की मॉनीटरिंग सीसीटीवी के जरिए की जायेगी। निर्धारित रफ्तार से ज्यादा तेज वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
सड़क दुर्घटना में दो पहिया वाहन सवारों की सबसे ज्यादा मौत होती है। इसलिए हेलमेट जांच को सख्ती से लागू किया जायेगा।
जिले में बहरागोड़ा में एक ट्रामा सेंटर कार्यरत है। घाटशिला में एक और ट्रामा सेंटर बनाने की स्वीकृति सरकार ने दी है। पीपीपी मोड़ पर ट्रामा सेंटर की स्थापना की जायेगी।
एनएच- एसएच पर भारी वाहनों एवं चार पहिया वाहन की अधिकतम रफ्तार 70 किलोमीटर प्रति घंटा एवं रिहायशी में 40 किमी प्रति घंटा तय की जायेगी।
हाई-वे पर नाइट पेट्रोलिंग वाहनों में जीपीएस लगाया जायेगा। सभी वाहनों के साथ एक-एक एबुलेंस अटैच किया जायेगा।
निजी एवं सरकारी स्कूलों में कक्षा पांच व छह के पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा विषय शुरू किया जायेगा। शिक्षण संस्थानों में कार्यशाला का आयोजन होगा।
अभियान चलाया जायेगा
वाहन चालक ओवरटेक न करें इसके लिए लिए जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।
जिला स्तर पर रन फॉर सेफ्टी का आयोजन किया जायेगा।
जिले में 25 स्थानों पर सड़कों पर ब्लॉक स्पॉट का चयन किया गया था। इनमें से अधिकांश स्थानों पर सुधार का काम किया जा चुका है।
सीएम जनसंवाद में शिकायत के बाद कवायद, पुराने पुल पर मानगो से जाने वाले वाहनों के परिचालन पर लगेगी रोक
मानगो पुल पर लगने वाले जाम से निपटने की कवायद शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत दर्ज होने के बाद जिला परिवहन पदाधिकारी कार्यालय हरकत में आया है। डीटीओ दिनेश कुमार रंजन ने ट्रैफिक डीएसपी शिवेंद्र को जाम ने निपटने के लिए स्थाई इंतजाम करने का आदेश दिया है। सीएम जनसंवाद में दर्ज शिकायत में कहा था-पुराना पुल पर दोनों ओर से वाहनों का आवागमन होता है, इस कारण पुल पर जाम लग जाता है। जबकि नया पुल जयप्रकाश नारायण सेतु पर मानगो की ओर जाने वाला लेन खाली रहता है। कार टेंपो, छोटा हाथी व बड़े वाहन पुराने पुल से होते मानगो की ओर जाते हैं, जिस कारण जाम लग जाता है।