रांची। जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने सीआइडी और स्पेशल ब्रांच में अहम कागजात एवं फाइलें नष्ट किये जाने की आशंका जतायी है। उन्होंने इस संबंध में मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने कहा है कि पुलिस विभाग के स्पेशल ब्रांच और सीआइडी में अहम कागजात नष्ट किये जा रहे हैं। उन्होंने लिखा है कि इन दोनों विभागों में महत्वपूर्ण सूचनाओं से संबंधित कागजातों और फाइलों को छांटकर नष्ट किया जा रहा है। इसमें अनौपचारिक सूचनाएं एवं जांच प्रतिवेदन शामिल हैं। इसी प्रकार भवन निर्माण विभाग, पथ निर्माण विभाग एवं ऊर्जा विभाग में भी महत्वपूर्ण सूचनाओं से संबंधित फाइलों को नष्ट किया जा रहा है।
श्री राय ने मुख्य सचिव से इन सूचनाओं के आलोक में आवश्यक कार्रवाई की अपेक्षा जतायी है। उन्होंने अनुरोध किया है कि मंत्रिमंडल निगरानी विभाग के अधीन कार्यरत एसीबी आदि से संबंधित मामलों के निष्पादन की कार्रवाई नहीं हो। नये मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण की तिथि 29 दिसंबर निर्धारित की गयी है। इसलिए मुख्यमंत्री सचिवालय कार्यालय को तत्काल प्रभाव से मात्र कार्यवाहक कार्यालय तक ही सीमित रहने का निर्देश दिया जाना चाहिए और किसी प्रकार के नीतिगत विषयों पर निर्णय लेने से परहेज करना चाहिए।
डीजी रैंक के अधिकारी ने की जांच
इधर सरयू राय की शिकायत पर गुरुवार को गृह विभाग हरकत में आया। मुख्य सचिव डीके तिवारी ने गृह सचिव को तत्काल सीआइडी कार्यालय की जांच करने को कहा। इसके बाद पुलिस मुख्यालय के डीजी पीआरके नायडू सीआइडी कार्यालय पहुंचे और फाइलों की जांच की। राजा-रानी स्थित कोठी से वह सीधा रेल एडीजी प्रशांत सिंह के कार्यालय में पहुंचे। उन्होंने प्रशांत सिंह को अपने साथ लिया और सीआइडी के एडीजी अनुराग गुप्ता के आॅफिस में गये। वहां सघन जांच की। एडीजी के कार्यालय की जांच के बाद उन्होंने दूसरे कमरों की भी जांच की। अपनी पहली मौखिक रिपोर्ट में उन्होंने गृह विभाग को बताया कि उन्हें वहां कुछ भी आपत्तिजनक नहीं लगा। सूत्रों के अनुसार सरयू राय की शिकायत की विस्तार से जांच शुरू कर दी गयी है। तमाम महकमों की संवेदनशील फाइलों के मूवमेंट से लेकर उनकी वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा रहा है।
यथाशीघ्र उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच हो: भाजपा
भाजपा ने सरयू राय की शिकायत की जल्द से जल्द उच्चस्तरीय निष्पक्ष जांच की मांग की है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा है कि यह बहुत ही गंभीर आरोप है और मुख्य सचिव को इसकी उच्चस्तरीय जांच अविलंब करनी चाहिए। अगर जांच में कोई भी अधिकारी दोषी पाया जाये, तो उस पर तत्काल प्रभाव से एफआइआर दर्ज कर कानून सम्मत कार्रवाई करनी चाहिए। लेकिन अगर आरोप निराधार निकलता है, तो इस विषय पर भी मुख्य सचिव को उचित कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से कुछ वरिष्ठ राजनीतिज्ञों द्वारा आरोप लगाया जा रहा है, जिसकी जांच के बावजूद पुष्टि नहीं हो पा रही थी। इसलिए इस पूरे मामले को गंभीरता से जांच कर जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक भी करने की आवश्यकता है।
सीआइडी और विशेष शाखा की फाइलें नष्ट की जा रही हैं : सरयू
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