रांची। राष्टÑकवि रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता का अंश है,
क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दंतहीन
विषरहित, विनीत, सरल हो।
झारखंड के भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर ये पंक्तियां सटीक बैठती हैं। हेमंत ने सकारात्मक राजनीति की शानदार मिसाल पेश करते हुए अपने पूर्ववर्ती सीएम रघुवर दास के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लेने का ऐलान किया है। इस बाबत उन्होंने गुरुवार को कहा कि चुनाव के दौरान पैदा हुई तल्खी अब बीती बात है। उनका मानना है कि राज्य के विकास में जितनी भूमिका सरकार की होती है, उतनी ही विपक्ष की भी। वह राज्य के विकास में सभी का योगदान चाहते हैं। इसलिए उन्होंने रघुवर दास के खिलाफ दायर मामले को वापस लेने का फैसला किया है।
भावी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि वह बदले की राजनीति नहीं करेंगे। वह चाहते हंै कि राज्य का विकास सबकी भागीदारी से हो, लड़ाई-झगड़े से नहीं। उन्होंने संबंधित थाना से इस मामले को अविलंब समाप्त करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आग्रह किया।

19 को शिकायत, 26 को दर्ज हुआ था केस
हेमंत सोरेन ने 19 दिसंबर को दुमका के एसटी-एससी थाने में शिकायत की थी। आरोप था कि रघुवर दास ने मिहिजाम में एक चुनावी सभा में उनके नाम और जाति सूचक उपनाम को लेकर अपशब्दों का प्रयोग किया। इससे उनकी प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची। जामताड़ा के एसपी अंशुमन कुमार ने शिकायत की प्रति मिलने के बाद एसडीपीओ को जांच का आदेश दिया था। इसके बाद गुरुवार को मिहिजाम थाने में धारा 504, 506 और एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।

सरयू राय, रामेश्वर उरांव ने की तारीफ
रांची। रघुवर दास के खिलाफ दर्ज मामला वापस लेने के हेमंत सोरेन के निर्णय का राजनीतिक हलकों में चौतरफा स्वागत किया गया है। नयी सरकार बनाने जा रहे हेमंत सोरेन के सहयोगी और झारखंड प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव ने भावी मुख्यमंत्री के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों को सीख लेनी चाहिए। डॉ उरांव ने कहा कि नादान को क्षमादान देकर हेमंत सोरेन का कद बहुत ऊंचा हो गया है। हेमंत सोरेन एक सुलझे हुए राजनीतिज्ञ हैं। उन्होंने अच्छे संस्कार को प्रदर्शित किया है।
इधर, पूर्व मंत्री सरयू राय ने भी हेमंत सोरेन के फैसले की सराहना की है। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने बड़प्पन दिखाया है। उनका यह फैसला यह साबित करता है कि वह परिपक्व हैं और बदले की भावना से काम नहीं करते। हेमंत सोरेन का फैसला यह भी बताता है कि वह राज्य की चिंता कर रहे हैं। इससे उन्होंने कई लोगों का दिल जीता है।

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