सुनील सिंह
रांची। झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने विधायक निधि पर लगी रोक को आंशिक रूप से हटा लिया है। अब विधायक अपनी क्षेत्रीय विकास निधि का 50 फीसदी तक खर्च कर सकते हैं। इस आशय का आदेश जारी कर दिया गया है। हालांकि विधायकों ने आग्रह किया है कि इस सीमा को कम से कम 75 प्रतिशत तक बढ़ाया जाये, क्योंकि उन्हें लोगों को जवाब देना पड़ रहा है। बता दें कि मार्च में कोरोना के कारण लॉकडाउन लागू होने के बाद झारखंड सरकार ने विधायक निधि के आवंटन पर रोक लगा दी थी। सिर्फ प्रवासी मजदूरों के लिए विधायक निधि में 25-25 लाख रुपये भेजे गये थे, ताकि वे अपने विधानसभा क्षेत्र के मजदूरों को दूसरे प्रदेशों में रहने अथवा वापस आने के लिए सहायता राशि भेज सकें। खजाना खाली होने का हवाला देकर विधायक निधि की निकासी पर रोक लगने के कारण विधायकों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
रुकी पड़ी हैं विकास योजनाएं
विधायक निधि पर रोक लगने के कारण छोटी-छोटी विकास योजनाएं रुकी पड़ी हैं। पिछले 10 महीने में किसी भी विधानसभा क्षेत्र में कोई नयी योजना शुरू नहीं की गयी। पुरानी योजनाओं को जैसे-तैसे पूरा किया गया, लेकिन इनका भुगतान नहीं किया गया।
नलिन सोरेन ने किया स्वागत
झामुमो विधायक नलिन सोरेन ने कहा कि रोक हटने से थोड़ी राहत मिली है। उन्होंने रोक को समयोचित करार दिया। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का फैसला स्वागत योग्य है। पार्टी विधायक सीता सोरेन ने भी सरकार के फैसले पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि 50 फीसदी की सीमा को खत्म करने पर विचार किया जाना चाहिए।
सरकार की सोच सकारात्मक होनी चाहिए : नारायण दास
देवघर से भाजपा विधायक नारायण दास ने कहा कि पूरे राज्य में एक ही वातावरण है। खजाना खाली होने की बात कही जा रही है, लेकिन ऐसा कभी नहीं होता। सरकार की सोच सकारात्मक होनी चाहिए। छोटी-छोटी विकास योजनाएं रुकी हुई हैं। इस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि विकास निधि पर किसी भी हालत में रोक नहीं लगायी जानी चाहिए।
11 माह से विकास का काम ठप : लंबोदर
गोमिया के आजसू विधायक लंबोदर महतो ने कहा कि विधायक निधि से 50 प्रतिशत तक की राशि खर्च करने की चिट्ठी निर्गत हो गयी है। पिछले 11 महीने से विकास का काम ठप था। इससे नये विधायकों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
नये विधायकों के सामने बड़ी चुनौती : अंबा
बड़कागांव की कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद ने कहा कि रोक लगने से पहली बार विधायक बननेवालों के सामने बड़ी चुनौती पैदा हो गयी थी। क्षेत्र की जनता को बहुत उम्मीदें हैं। अब रोक हट गयी है, तो यह राहत की बात है।