नयी दिल्ली। नये कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान आंदोलन को खत्म कराने के लिए शनिवार को हुई बातचीत का कोई हल नहीं निकला। सरकार और आंदोलनकारी किसानों के बीच पांचवें दौर की बातचीत बिना किसी नतीजे के खत्म हो गयी। इसके बाद किसानों ने आठ दिसंबर को भारत बंद करने का फैसला किया, जबकि उसके अगले दिन सरकार के बातचीत का अगला दौर होगा। केंद्र के साथ पांचवें दौर की बातचीत खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने कहा है कि वह नौ दिसंबर को हमें एक प्रस्ताव भेजेगी। किसान संगठनों में इस पर चर्चा होगी। इसके बाद उसी दिन केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की बातचीत होगी। बैठक खत्म होने के बाद विज्ञान भवन से बाहर आकर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत ने बताया कि सरकार एक मसौदा तैयार करेगी और हमें देगी। केंद्र ने कहा है कि वह इस पर राज्यों से भी सलाह लेगी। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी चर्चा हुई, लेकिन हमने कहा कि कानूनों पर भी बातचीत हो और इसे वापस लिया जाये। किसान नेताओं ने कहा कि हमारे पास एक साल की सामग्री है। सरकार को तय करना है कि वह क्या चाहती है। किसान नेताओं ने सरकार से मांगों पर दो टूक जवाब देने को कहा। किसान नेताओं ने कहा कि हम सरकार से चर्चा नहीं, ठोस जवाब चाहते है,ं वह भी लिखित में। अब तक बहुत चर्चा हो चुकी है। किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार सितंबर में लागू तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बारे में नहीं सोच रही, तो वे बैठक छोड़कर चले जाएंगे। ब्रेक में किसान नेताओं ने अपने साथ लाया भोजन और जलपान किया।
किसानों की भलाई के लिए हो रहा काम : तोमर
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि हम लोग चाहते थे कि कुछ विषयों पर सुझाव मिल जाये, लेकिन बातचीत के दौर में यह नहीं हो सका। उन्होंने कहा कि अब नौ दिसंबर को वार्ता होगी। सबकी सहमति से अगली बातचीत की तारीख तय की गयी। मोदी सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए काम कर रही है। मोदी सरकार में किसानों की आमदनी बढ़ी है। उन्होंने कहा कि जो कुछ भी सरकार करेगी, वह किसानों के हित में करेगी। सरकार का राज्य की मंडियों को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं है। एपीएमसी और मजबूत हो, सरकार इसके लिए तैयार है। सरकार एपीएमसी पर गलतफहमी को दूर करने के लिए तैयार है। हमने किसान नेताओं को कहा है कि एमएसपी जारी रहेगा। इसे कोई खतरा नहीं है। इस पर शक करना बेबुनियाद है। उन्होंने किसान नेताओं से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को प्रदर्शन स्थलों से घर वापस भेजने की अपील की।
पीएम ने वरिष्ठ मंत्रियों को बुलाया
इससे पहले किसान आंदोलन को लेकर चर्चा के लिए सुबह पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के घर पर बैठक हुई, जो करीब दो घंटे तक चली। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी मौजूद थे। पीएम ने इन मंत्रियों को बुलाया था।
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