Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Monday, June 16
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»वायु सेना का टॉप ट्रेनिंग सेंटर एएसटीई निजी क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलेगा
    Breaking News

    वायु सेना का टॉप ट्रेनिंग सेंटर एएसटीई निजी क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलेगा

    azad sipahiBy azad sipahiDecember 11, 2022Updated:December 11, 2022No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    – कई रक्षा स्टार्ट-अप्स ने उड़ान परीक्षण और प्रमाणन मुद्दों पर एएसटीई से संपर्क किया
    – हवाई प्रणालियों को भारत में फिट माने जाने के लिए एएसटीई की मंजूरी की जरूरी

    नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना का टॉप ट्रेनिंग सेंटर एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट (एएसटीई) निजी क्षेत्र के लिए दरवाजे खोलेगा। यह संस्थान वायु सेना में शामिल होने से पहले विमान, हवाई प्रणालियों और हथियारों का उड़ान परीक्षण करता है। इसके अलावा एएसटीई निजी कंपनियों के लिए ‘फ्लाइंग लैब’ परीक्षण प्रणाली के रूप में कार्य करता है। अगर विकसित किये जाने वाले सिस्टम का भारत में उत्पादन नहीं किया जाता है, तो भी एएसटीई निजी फर्मों को विदेशों में अपने सिस्टम को बाजार में लाने में मदद करेगा।

    एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट ने 1948 में कानपुर में आयुध परीक्षण इकाई के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। 1957 में इसे औपचारिक रूप से कानपुर में विमान और आयुध परीक्षण इकाई के रूप में स्थापित किया गया था। 23 अगस्त, 1972 को इसका नाम बदलकर एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट कर दिया गया और 1973 में इसे एचएएल के मेक शिफ्ट हैंगर में बैंगलोर स्थानांतरित कर दिया गया। एएसटीई उपयोगकर्ता संगठनों में शामिल होने के लिए विमान और प्रणालियों का मूल्यांकन करता है। अधिकांश नए प्रकार के विमान और प्रमुख हवाई प्रणालियों को भारत में सेवा के लिए फिट माने जाने के लिए एएसटीई की मंजूरी की जरूरी होती है।

    दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भारतीय वायुसेना के लिए एएसटीई टेस्ट पायलट स्कूल के रूप में दुनिया का पांचवा संस्थान है। अपनी स्थापना के बाद से सशस्त्र बलों के लिए कार्य कर रहा यह संस्थान अब स्टार्ट-अप सहित निजी क्षेत्र का स्वागत करने के लिए तैयार है। इसके पीछे का मकसद भारत सरकार की ‘आत्मनिर्भर’ पहल को अधिक ऊंचाइयों तक ले जाना है। सशस्त्र बलों के लिए सामरिक महत्व के लिहाज से आगे आने वाले निजी उद्योग या प्रयोगशालाओं को एएसटीई हवाई और हथियार प्रणालियों का परीक्षण और सत्यापन करने का काम सौंपेगा। अगर विकसित किये जाने वाले सिस्टम का भारत में उत्पादन नहीं किया जाता है, तो भी एएसटीई निजी फर्मों को विदेशों में अपने सिस्टम को बाजार में लाने में मदद करेगा।

    एएसटीई से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि हाल के दिनों में कई रक्षा स्टार्ट-अप्स ने उड़ान परीक्षण और प्रमाणन से संबंधित मुद्दों पर मार्गदर्शन के लिए एएसटीई से संपर्क किया है, क्योंकि यह संस्थान भारत का अनुभवी और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त उड़ान परीक्षण प्राधिकरण है। एएसटीई के कमांडेंट एयर वाइस मार्शल जे मिश्रा ने कहा कि देश के भीतर इस तरह के स्वदेशी प्रतिष्ठान का होना भारत सरकार की ‘आत्म निर्भर’ पहल के लिए एक बड़ा बढ़ावा है। उन्होंने कहा कि विमानन प्रणाली को विकसित करने में अनुसंधान एवं विकास, प्रमाणन और उत्पादन शामिल है, जिसकी उड़ान परीक्षण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

    इसी संस्थान ने राफेल फाइटर जेट्स या स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को वायु सेना के बेड़े में शामिल करने से पहले परीक्षण किया है। लड़ाकू विमान सुखोई-30 एमकेआई को ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से लैस करने या हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल एस्ट्रा का परीक्षण भी यहीं किया गया है। इसके अलावा परे-दृश्य-श्रेणी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल, सभी विमानों और प्रणालियों का परीक्षण किये जाने की जिम्मेदारी भी एयरक्राफ्ट एंड सिस्टम्स टेस्टिंग एस्टेब्लिशमेंट के पास है।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleरांची : अब स्नातक की पढ़ाई चार साल की होगी
    Next Article मोराबादी के तीन स्थानों पर सांसद संजय सेठ ने की चाय पर चर्चा
    azad sipahi

      Related Posts

      प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान

      June 16, 2025

      केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे में जयपुर के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पायलट की मौत

      June 15, 2025

      प्रधानमंत्री कनाडा में जी7 सम्मेलन में लेंगे भाग, साइप्रस और क्रोएशिया भी जाएंगे

      June 14, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • प्रधानमंत्री मोदी को साइप्रस का सर्वोच्च नागरिक सम्मान
      • डीजीपी अनुराग गुप्ता अब न अखिल भारतीय सेवा में हैं, ना सस्पेंड हो सकते हैं : बाबूलाल मरांडी
      • भाजपा के टॉर्चर से बांग्ला बोलना सीख गया : इरफान
      • राजभवन के समक्ष 108 एंबुलेंस के कर्मी 28 को देंगे धरना
      • झारखंड में 19 तक मानसून के पहुंचने की उम्मीद, 21 तक होगी बारिश
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version