रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पांचवें और अंतिम दिन शुक्रवार को पहली पाली में 1932 पर सरकार के जवाब के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। सरकार की ओर से जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति सदन से पारित कर 9 वीं अनुसूची में डालने का प्रस्ताव पास कराकर राज्यपाल को भेज दिया गया है। विधि विभाग की जो भी शंका थी, उसे दूर करके ही भेजा गया है। अब यह काम केंद्र को करना है।
उन्होंने कहा कि विधि विभाग ने कहा है कि पार्लियामेंट के पास अधिकार है। लोक नियोजन में समानता का जो अधिकार है, उसमें संसद ही कुछ कर सकती है। नौवीं अनुसूची में शामिल होने के बाद राज्य में लागू हो जाएगा। इसपर भाजपा के विधायक और सवाल पूछना चाह रहे थे। सदन में चर्चा चाह रहे थे, जिसपर स्पीकर ने कहा कि सरकार की ओर से जवाब दे दिया गया है। चर्चा नहीं करा सकते हैं। इसके बाद भाजपा के विधायक वेल में जाकर हंगामा करने लगे।
उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले सदन में भाजपा विधायक अमित मंडल ने पूछा था कि मीडिया के माध्यम से पता चला है कि विधि विभाग ने 1932 पर आपत्ति जताई है। इसके बाद भी सदन से पास कराया गया है।